आपका मकान यदि पश्चिम दिशा में है तो आप उस दिशा को अच्छे से रखें, क्योंकि पश्चिम दिशा का स्वामी शनि ग्रह है। इस दिशा के ग्रह से आयु, बल, दृढ़ता, विपत्ति, यश व नौकर-चाकरों का विचार किया जाता है। इस दिशा के दूषित या पीड़ित होने के अर्थ है कि कहीं इस दिशा में स्तंभ वेध, छाया वेध आदि तो नहीं है। आओ जानते हैं कि क्या होता है इस दिशा में मकान का द्वार होने और उसके वास्तु दोष होने से।
3. गंभीर रोग : इस दिशा के किसी भी प्रकार से दूषित होने पर वायु विकार, लकवा, रीढ़ की हड्डी में तकलीफ, चेचक, कैंसर, कुष्ठ रोग, मिर्गी, नपुंसकता, पैरों में तकलीफ आदि होने की संभावना बनी रहती है।
5. बरकत होती खत्म : पश्चिम दिशा में दरवाजा है और वह वास्तुदोष से युक्त होने के साथ ही घर का वास्तु भी बिगड़ा है तो घर की बरकत खत्म होती है। यह आपके व्यापार में लाभ तो देगा, मगर यह लाभ अस्थायी होगा। हालांकि जरूरी नहीं है कि पश्चिम दिशा का दरवाजा हर समय नुकसान वाला ही होगा।