अवसर था रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरित करने का। नई दिल्ली में दो नवंबर को यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ। पत्रकारों को सम्मानित किया गया। कुछ ऐसे पत्रकारों को भी मोदी ने सम्मानित किया जिन्होंने अपनी रिपोर्ट्स में भाजपा की भी आलोचना की थी। मोदी ने यह काम सहर्ष किया।
पुरस्कार बांटे गए। भाषण हुए। मोदी भी बोले। अंत में आभार जताने की रस्म अदायगी 'द इंडियन एक्सप्रेस' के संपादक राजकमल झा ने की, लेकिन यह कार्यक्रम की यादगार बात बन गई। उन्होंने अपने छोटे-से भाषण में कुछ तीखी बातें प्रधानमंत्री के सामने बोल दी।
झा ने उन 'सेल्फी पत्रकारों' की भी खबर ली जिनके लिए पत्रकारिता से ज्यादा मायने उनके चेहरा और आवाज रखती है। झा ने कहा कि सरकार की तरफ से की गई आलोचना पत्रकारों के लिए सम्मान की बात है। उन्होंने रामनाथ गोयनका का एक उदाहरण देते हुए कहा कि गोयनका ने उस रिपोर्टर को नौकरी से निकाल दिया था जिसके लिए एक राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा था कि आपका रिपोर्टर बड़ा अच्छा काम कर रहा है।