Fact Check: किसानों पर लाठीचार्ज करने के बाद रोने लगा पुलिसकर्मी? जानिए सच

सोमवार, 1 फ़रवरी 2021 (11:48 IST)
सोशल मीडिया पर एक रोते हुए पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिसकर्मी को कहते सुना जा सकता है “हमको नहीं चाहिए नौकरी, हमने बहुत कर ली नौकरी। अब हम सरकार से क्षमा मांगते हैं, अब हमें नौकरी नहीं चाहिए। लाठीचार्ज करवा दिए।” वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह दिल्ली पुलिस का जवान है, जो किसानों पर लाठीचार्ज करने के बाद रोने लगा और नौकरी छोड़ने का निवेदन कर रहा है।

क्या है सच-

फेसबुक पर ‘ਲੋਕ ਰੰਗ -Lok Rang’ नाम के यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- “सैनिक ने कहा, “हम यह नौकरी नहीं चाहते हैं। हमें किसानों, मजदूरों और हमारे माता-पिता पर लाठीचार्ज करना पड़ा। कृपया शेयर करें। भक्तों को विश्वास नहीं होगा, लेकिन उन्हें इसे देखना चाहिए।”



ट्विटर पर भी यूजर्स ने इसी तरह के दावा किया है।

क्या किसी बिकाऊ मीडिया ये दिखाया.. देखिये कैसे पुलिस वाला बोला जब मेरे बाप को ही सरकार मार डालेगी तो मैं जी कर क्या करुंगा.....

जय जवान जय किसान pic.twitter.com/r3yy0BLRzS

— Mo. ayoob (@ayub0968) January 30, 2021


क्या है सच-

हमने InVID टूल की मदद से वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब्स निकाले और फिर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। सर्च रिजल्ट में हमें The Followup नाम के यूट्यूब चैनल का एक वीडियो मिला। वीडियो को 18 सितंबर 2020 को अपलोड किया गया था। गौरतलब है कि किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई 26 जनवरी 2021 को हुई थी।

वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “लाठीचार्ज के बाद गुस्से में हैं आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मी, सुनिये! क्या बोल रहे हैं।”



वीडियो के मुताबिक, ये वीडियो झारखंड में हुए सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन का है। जहां आंदोलनकारी मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने जा रहे थे। उस दौरान सरकार के आदेश पर उन पर लाठीचार्ज करवाया गया।

वेबदुनिया की पड़ताल में वायरल दावा फर्जी निकला। यह वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि झारखंड का है। इसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।

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