Fact Check: क्या भारत-चीन तनाव के बीच अरुणाचल के ग्रामीणों ने सीमावर्ती गांव खाली किए?
शुक्रवार, 11 सितम्बर 2020 (12:17 IST)
पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर बढ़ते भारत-चीन तनाव के बीच एक खबर वायरल हो रही है कि अरुणाचल प्रदेश में ग्रामीणों ने एलएसी के करीब स्थित गांवों को खाली कर दिया है। कुछ न्यूज रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया जा रहा है।
क्या है वायरल खबर में-
असम के स्थानीय मीडिया में आई न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में मैकमोहन रेखा के नजदीक के गांव को हाल ही में ग्रामीणों ने खाली कर दिया है। इन रिपोर्ट्स में लद्दाख में जारी तनाव का हवाला दिया गया है।
क्या है सच-
सेना ने वायरल खबर को फेक न्यूज करार दे दिया है। असम के तेजपुर स्थित डिफेंस पीआरओ की तरफ से कहा गया है कि असम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के करीब स्थित गांवों को खाली करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। सेना की तरफ से अरुणाचल प्रदेश और असम की जनता से ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए कहा गया है। डिफेंस पीआरओ की तरफ से कहा गया है कि इस तरह की खबरें पूरी तरह से झूठी और मनगढ़ंत हैं और इस तरह की कोई भी जानकारी लोगों के साथ साझा करने से पहले एक बार अथॉरिटीज से संपर्क जरूर कर लिया जाए।
— PRO Defence Tezpur (Assam/Arunachal Pradesh) (@ProAssam) September 9, 2020
वहीं, तवांग के डिप्टी कमिश्नर ने भी इस मामले पर ट्वीट कर स्पष्टीकरण जारी किया है। तवांग के डिप्टी कमिश्नर ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग के तकसांग गांव को ग्रामीणों द्वारा खाली किए जाने की कोई खबर नहीं है। साथ ही बताया गया कि तकसांग गांव एक स्थाई गांव नहीं है। यह केवल एक कैम्प है, जहां बीआरओ में काम करने वाले जेमीथांग सर्किल के ग्रामीण रहते कैम्पिंग करते हैं।
बता दें, भारत और चीन के बीच मई माह से ही लद्दाख में टकराव जारी है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने मंगलवार रात को फिंगर-4 की रिजलाइन पर दो हजार सैनिक तैनात कर दिए। इसके जवाब में भारत ने भी उसका सामना करने के लिए फिंगर-3 पर बराबर संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी।