माफी माँगकर मौत को गले लगाया

बुधवार, 2 नवंबर 2011 (00:53 IST)
घर में जिसकी आवाज से खुशियों की बरसात होती थी, वह आवाज सदा-सदा के लिए खामोश हो गई। वह माता-पिता के सपनों को फंदे पर लटकाकर उनकी आँखों में दुःखों का दरिया छोड़ गई। किसे पता था कि छोटी-सी मुश्किल मौत का रूप ले लेगी। अंतिम दृश्य जिसने भी देखा, वह सिहर गया। माँ कुछ कह नहीं पा रही थी, तो पिता की आँखों से आँसू बह रहे थे। रह-रहकर सबके दिलों से एक ही आवाज आ रही थी कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिंदगी से हारकर उसने मौत को गले लगा लिया।


मौत की भयावहता का यह नजारा था पुष्पकुंज कॉलोनी का। यहाँ रहने वाली नंदिनी पिता सुमेरसिंह राजपूत (17) ने मंगलवार को अपने ही घर में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त घर पर कोई नहीं था। सूचना मिलते ही मौके पर भीड़ लग गई। इधर बदहवास परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। इस पर औद्योगिक थाने के एएसआई केएस पाल घटनास्थल पर पहुँचे। उन्होंने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।


मुझे माफ कर देना...

मामले की जाँच कर रहे श्री पाल ने बताया कि मृतक ने सुसाइड नोट में मम्मी-पापा से माफी माँगते हुए लिखा है कि वह जीना नहीं चाहती। मौत के कारण किसी को दुःख पहुँचे तो माफ कर देना। श्री पाल के मुताबिक सुसाइड नोट में एक लड़के का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि वह उससे प्यार करती है। युवती के परिजनों से हुई बातचीत के आधार पर पुलिस ने बताया कि मृतका ने 12वीं की परीक्षा दी थी, जिसमें उसे पूरक आई थी और वह उसमें भी उत्तीर्ण हो गई थी। पहले पुलिस का कहना था कि पढ़ाई में असफल रहने पर उसने आत्महत्या की होगी, लेकिन सुसाइड नोट में किसी लड़के के साथ प्यार का मामला होने पर पुलिस प्रेम-प्रसंग के दृष्टिकोण से जाँच कर रही है। पड़ोसियों से बात करने पर भी पुलिस को पता चला है कि युवती के घरवालों को यह बात पता थी कि वह किसी लड़के से प्यार करती है, जिसे लेकर घर में कुछ दिनों पहले तनाव पैदा हुआ था। हालाँकि पुलिस का कहना है कि मामले की जाँच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।


अकेली थी घर पर

पुलिस ने बताया कि घर में माता-पिता व बड़े भाई के साथ युवती रहती थी। घटना के वक्त वह घर पर अकेली थी। युवती के पिता निजी कंपनी में सिक्योरिटी के पद पर कार्यरत हैं जबकि माँ एक प्रायवेट स्कूल में नौकरी करती है। युवती का भाई पढ़ाई करने के साथ ही किसी स्कूल में पढ़ाता है। जिस समय घटना हुई, उस समय घर के सभी लोग अपने-अपने काम से गए हुए थे। वापस लौटने पर परिजनों को घटना की जानकारी मिली। इधर मोहल्ले में भी घटना की जानकारी आग की तरह फैली और लोग मृतक के घर के बाहर एकत्र हो गए। -निप्र


यह लिखा था सुसाइड नोट में

मैं आप लोगों से बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन गगन (परिवर्तित नाम) से भी बहुत प्यार करती हूँ। न उसके बिना जी सकती हूँ, न आपके। इसलिए अपनी जान दे रही हूँ। मेरे जाने के बाद सिर्फ एक बार गगन को बता देना कि मैं उसके बिना नहीं रह सकती। मैं आप लोगों की इज्जत हूँ और मुझे कोई हक नहीं है कि मैं आप लोगों को बेइज्जत करूँ। मेरे जाने के बाद आप कोई नहीं रोएँगे। पापा मुझे माफ कर देना प्लीज। मैं आपके सपने को साकार नहीं कर पाई। पुलिस का कोई लफड़ा नहीं रखना। बाबा, अम्मा को संभाल लेना प्लीज। -नंदिनी

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