Late pregnancy: बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण जैसी कई महिलाएं आजकल करियर और अन्य कारणों से 35 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं। हालांकि, लेट प्रेगनेंसी के फायदे भी हैं, लेकिन इससे जुड़े कुछ जोखिम भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। क्या आप भी 35 के बाद प्रेगनेंसी की योजना बना रही हैं?
जानें लेट प्रेगनेंसी के जोखिम, फायदे और विशेषज्ञों की राय।
लेट प्रेगनेंसी के फायदे करियर में स्थिरता:
महिलाएं अपने करियर में एक मुकाम हासिल करने के बाद परिवार बढ़ाने का निर्णय लेती हैं।
आर्थिक मजबूती:
इस उम्र तक अधिकतर महिलाएं आर्थिक रूप से अधिक सक्षम होती हैं, जिससे बच्चे की परवरिश बेहतर हो सकती है।
मानसिक परिपक्वता:
35 के बाद महिलाएं मानसिक रूप से अधिक परिपक्व होती हैं, जो एक बेहतर माता-पिता बनने में सहायक होता है।
लेट प्रेगनेंसी के जोखिम और समस्याएं 1. फर्टिलिटी में कमी:
35 की उम्र के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी कम हो जाती है, जिससे गर्भधारण में मुश्किलें आ सकती हैं।
2. हाई-रिस्क प्रेगनेंसी:
इस उम्र में प्रेगनेंसी हाई-रिस्क मानी जाती है क्योंकि गर्भ में जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
3. जटिलताएं:
गर्भपात, प्रीमैच्योर डिलीवरी और गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं अधिक हो सकती हैं।
4. स्वास्थ्य समस्याएं:
डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थायरॉयड जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
एक्सपर्ट्स की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आप 35 के बाद प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं तो आपको पहले हेल्थ चेकअप और फर्टिलिटी काउंसलिंग करवानी चाहिए। सही डाइट, नियमित व्यायाम और स्ट्रेस मैनेजमेंट से प्रेगनेंसी के जोखिमों को कम किया जा सकता है।
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