8 मार्च को महिला दिवस के कार्यक्रमों की बाढ़ आनेवाली है। 3 मार्च तक एक उम्मीद थी कि निर्भया के आरोपियों को फांसी हो जाएगी..लेकिन अफसोस! फिर टल गई। तो सारी दरिंदगी, हैवानियत सिद्ध होने के बाद भी अगर हमारे देश में महिलाओं के सम्मान को ताक पर रख दिया है तो कोई आवश्यकता नहीं है एक दिन की औपचारिकता की।