सुरभि भटेवरा
महिलाओं के खिलाफ अपराधों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ये अपराध धीरे धीरे बढ़ते हैं ... शुरुआत छेड़छाड़ से होती है और फिर अपहरण, बलात्कार और तेजाब पर जाकर भयावह रूप ले लेती है.... हमने बात की आज के युवाओं से ...जानिए क्या सोचते हैं वे इस बारे में, कैसे निपटा जा सकता है....
आज के समय में सबकुछ ईजी नहीं है, लेकिन हम कोशिश कर सकते हैं कि अपने आस-पास का क्राउड अच्छा रखें। लडकियां यह ध्यान रखें कि आप किस तरह की संगत में हैं। सर्कल अच्छा होना चाहिए। एजेकुशन पूरे देश में होना चाहिए, जिससे लोगों की मैंटलिटी अच्छी होती है। सबसे पहले अपनी तरफ देखना चाहिए बेशक आपकी सोच अच्छी होगी तो दूसरों से कुछ उम्मीद करें। अच्छी सोच रखिए और लड़कियों को भी रिस्पेक्टफूली देखिए. - सोहम
सरकार नई-नई योजनाएं लेकर आ रही है, भारत का सिस्टम भी बहुत अच्छा है लेकिन सिस्टम के अंदर जो लोग हैं उन्हें बदलने की जरूरत है। इस तरह की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ रही है। मैं एक स्पोट्रर्स पर्सन हूं, बोल्ड हम हो जाते हैं लेकिन फिर भी एक डर रहता है कि कहीं कुछ कर ना हो जाए। कई बार हम देखकर भी कुछ नहीं रह सकते क्योंकि लड़की की इज्जत पर बात आ जाती है। हमारी पुलिस ज्यादा ध्यान दें तो जल्दी हमारा देश सिक्योर हो जाए। लड़की जब तक चुप रहेगी तब तक उसे झेलना पड़ेगा, एक बार उसने कदम उठा लिया तो दुनिया उसके साथ है। जब तक कुछ बोलोगे नहीं, तब तक लोग आपके लिए कुछ करेंगे नहीं. - वेंसी
आप जहां भी जाते हैं तो घर वालों को सूचित करो। आप किसी ऑटो या कैब में जा रहे हो तो उनका नंबर घरवालों को पहले दे देना चाहिए। अगर पब्लिक प्लैसेज पर कुछ होता है तो वॉइस रेज करना चाहिए। क्योंकि पब्लिक प्लेस है तो रश भी अधिक होता है। सेल्फ कॉन्फिडेंस होना चाहिए कि कुछ भी होता है तो आप बोल सकें - साक्षी वास्तव