ऑस्ट्रेलिया ने मैच जीता, केन्या ने दिल

रविवार, 13 मार्च 2011 (23:07 IST)
कोलिन्स ओबुया और तन्मय मिश्रा की साहसिक पारियों से केन्या ने ऑस्ट्रेलिया को रविवार को विश्वकप ग्रुप ए मैच में कड़ी चुनौती दी, लेकिन आखिर में चार बार का चैंपियन 60 रन से जीत दर्ज करके क्वार्टर फाइनल में जगह सुनिश्चित करने में सफल रहा।

ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी, गेंदबाजी या क्षेत्ररक्षण में विश्व चैंपियन जैसा जज्बा नहीं दिखा। टॉस जीतकर जब वे पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा तो तेजी से रन बनाने में नाकाम रहा। उपकप्तान माइकल क्लार्क (80 गेंद पर 93 रन), विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रैड हाडिन (65) और फिट होकर टीम में वापसी करने वाले माइकल हसी (54) के अर्धशतकों से वह छह विकेट पर 324 रन बनाने में सफल रहा।

केन्या के बल्लेबाजों ने हालाँकि चिन्नास्वामी स्टेडियम की बेजान पिच पर ऑस्ट्रेलिया के तेज और स्पिन आक्रमण का डटकर सामना किया तथा मैच पूरी तरह एकतरफा नहीं बनने दिया जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था। कोलिन्स ओबुया (नाबाद 98) अपना पहला शतक पूरा नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने और मिश्रा (72) ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए लगभग 26 ओवर में 115 रन की साझेदारी की।

कीनिया की टीम ने हालाँकि पूरे 50 ओवर खेलने को अपना लक्ष्य बनाया था और वह किसी भी समय जीत के लिए खेलते हुए नहीं दिखी। यही वजह है कि उसकी टीम आखिर में छह विकेट पर 264 रन ही बना पाई, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ चेन्नई 69 रन पर ढेर होने वाले केन्या का टूर्नामेंट में यह अब तक का सर्वोच्च स्कोर है। उसके इस प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी विशेषकर स्पिनरों की कमजोरी की पोल खुल गई।

इस जीत से ऑस्ट्रेलिया के चार मैच में सात अंक हो गए हैं तथा श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बाद वह ग्रुप-ए से नाकआउट चरण में पहुँचने वाली तीसरी टीम बन गई।

ब्रेट ली ने तीसरे ओवर में मौरिस ओउमा और शान टैट ने अगले ओवर में जब अलेक्सी ओबांडा को आउट करके स्कोर दो विकेट पर 21 रन किया तो लगने लगा कि ऑस्ट्रेलिया जल्द ही केन्या की कमजोर टीम को समेटकर एकतरफा जीत दर्ज करने में सफल रहेगा। इसके बाद हालाँकि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज विकेट के लिए तरस गए और उन्हें लगभग 44 ओवर तक कोई सफलता मिली।

इस बीच दो विकेट गिरे लेकिन ये दोनों कीनियाई बल्लेबाज डेविड ओबुया (12) और मिश्रा अपनी गलतियों से रन आउट हुए। मिश्रा ने अपनी पारी में 89 गेंद खेली तथा आठ चौके और एक छक्का लगाया।

ऑस्ट्रेलिया इसके बावजूद भी केन्या पर दबाव नहीं बना पाया और थामस ओडोयो (35) ने कोलिन्स का पूरा साथ दिया और पाँचवें विकेट के लिए 12 ओवर में 86 रन की भागीदारी कर डाली। टैट ने 48वें ओवर में ओडोयो को बोल्ड करके यह साझेदारी तोड़ी।

कोलिन्स 49वें ओवर में जानसन पर दो चौके जड़कर नब्बे के पार पहुँचे। आखिरी ओवर में उन्हें शतक के लिए केवल चार रन की दरकार थी, लेकिन वह दो रन ही बना पाए। उन्होंने अपनी नाबाद पारी में 129 गेंद खेली तथा नौ चौके और तीन छक्के लगाए।

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने सलामी बल्लेबाज शेन वाटसन (21) का विकेट जल्दी गँवा दिया, जिन्होंने नेमियाह ओडियाम्बो की गेंद पर कट करने के प्रयास में विकेटकीपर ओउमा को कैच दिया। वाटसन ने 17 गेंद की अपनी पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया।

इसके ठीक एक ओवर और चार रन बाद पोंटिंग भी पैवेलियन लौट गए। कोलिन्स ओबुया ने उनके खिलाफ पगबाधा की अपील की जिसे अंपायर रिचर्ड कैटलबोरोग ने ठुकरा दिया, लेकिन रेफरल के बाद तीसरे अंपायर ने कीनिया के पक्ष में फैसला सुनाया। पोंटिंग ने धीमी बल्लेबाजी की तथा 36 रन के लिए 54 गेंद खेली।

कैमरून वाइट (2) की खराब फार्म जारी रही तथा कमांडे ने जल्द ही उन्हें बोल्ड कर दिया। क्लार्क और हस्सी ने हालाँकि पाँचवें विकेट के लिये 114 रन की साझेदारी करके केन्या को अगली सफलता के लिए लंबा इंतजार करवा दिया। हसी ने ओडियाम्बो की गेंद पर लांग ऑन पर छक्का जड़ने के प्रयास में डेविड ओबुया को कैच थमाया जिससे इस साझेदारी का अंत हुआ। हसी ने 43 गेंद खेली तथा चार चौके लगाए।

क्लार्क विश्वकप में अपना पहला और वन डे में छठा शतक लगाने की स्थिति में दिख रहे थे, लेकिन 49वें ओवर में ओडियाम्बो की गेंद पर उन्होंने राकेप पटेल को कैच थमा दिया। केन्या की तरफ से नेमियाह ओडियाम्बो ने 57 रन देकर तीन और कप्तान जिम्मी कमांडे ने दो विकेट लिए। (भाषा)

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