देश में चार दिन में दूसरी बार मनी दीवाली

रविवार, 3 अप्रैल 2011 (02:46 IST)
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भारत में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जो पिछले चार दिन के अंदर हुआ। भारतीयों ने इन चार दिनों में दो बार दीवाली मनायी। पहले 30 मार्च को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर जीत से और फिर आज 28 साल बाद दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने की खुशी में।

महेंद्र सिंह धोनी के छक्के ने भारत को श्रीलंका पर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ऐतिहासिक जीत दिलायी लेकिन पटाखे तो तभी छूटने लग गये थे, जब भारतीय कप्तान ने लसिथ मलिंगा पर दो चौके जड़कर 14 गेंद पर सात रन का आँकड़ा बना दिया था। दिल्ली के गली मोहल्लों से लेकर कनाट प्लेस और इंडिया गेट में भी जीत का जश्न देखने लायक था।

आकाश आतिशबाजी से चमचमा रहा था। पटाखे फूट रहे थे। ढोल नगाड़ों की थाप पर लोग थिरक रहे थे। सड़कों पर कारों के हार्न बज रहे थे तो लोगों में शोर मचाने की होड़ मची थी। धोनी के रणबांकुरों ने देश को वह मौका दे दिया था जिसका उसे 1983 से इंतजार था। नाचने और झूमने का यह माहौल देर रात तक चलता रहा।

दिल्ली ही नहीं कोलकाता में भी यही आलम था। मुंबई में तो मानों दिन लौट आया था। वहाँ दिन से ही सड़कों पर सूनापन पड़ा था लेकिन जैसे ही टीम जीती कारों के हार्न बजने लगे और सड़कें फिर से रंगीन हो गई।

चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, जयपुर, लखनऊ, पटना, भोपाल, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़ में भी जीत का जमकर जश्न मनाया गया। पूरे भारत में दीवाली के बार आज ही सबसे अधिक पटाखे फूटे। (भाषा)

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