दोनों ही टीमों पर दबाव होगा

विश्व क्रिकेट में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला हमेशा से ही महामुकाबले के रूप में देखा जाता रहा है और जब मंच विश्व कप जैसा हो तो आप उम्मीद कर सकते हैं कि अपेक्षाओं का आलम क्या होगा। भारत में हर कोई पाकिस्तान पर जीत चाहता है तो उसी तरह पाकिस्तान में भारत की हार। तो यह एकमात्र ऐसा मुकाबला है जहाँ परिणाम ज्यादा मायने रखता है न कि किस तरह आप खेलते हैं।

अपने अनुभव से मैं कह सकता हूँ कि इस मैच को अन्य दूसरे मुकाबलों की तरह लेना और दूसरे मुकाबलों की तुलना में इस मैच के बीच सामंजस्य बैठाना मुश्किल है। मैं जानता हूँ कि दोनों ही टीमें मैदान पर उतरने का इंतजार कर रही होंगी। जिस टीम में जीत की भूख ज्यादा होगी वही यहाँ मैदान मारेगी। खिलाड़ियों को मैदान पर उतरते समय अपनी भावनाओं पर काबू पाना होगा और विशेषकर जब आप घर में खेल रहे हों।

मेरा मानना है कि वर्तमान भारतीय टीम पहले की टीमों की तुलना में ऐसी परिस्थिति में कई बार रही है। पाकिस्तान टीम में इस बार जावेद मियाँदाद, वकार यूनुस, वसीम अकरम जैसे बड़े नाम या अनुभव नहीं हैं। भारत के पास उसे हराने की क्षमता है और उसे केवल अपने वर्तमान प्रदर्शन को बरकरार रखना होगा।

मुझे यकीन है कि सभी खिलाड़ी कुछ दबाव में होंगे। लेकिन अंततः यह नहीं भूलना चाहिए कि यह एक खेल है और दोनों ही टीमें जीतने के लिए खेलती हैं। जो टीम सकारात्मक रवैये के साथ उतरेगी और दबाव को अच्छी तरह झेल लेगी वही टीम जीतेगी।

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