अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का मानना है कि भारत के खिलाफ क्रिकेट विश्वकप फाइनल में विकेट हासिल करने में स्पिनरों की विफलता का खामियाजा श्रीलंकाई टीम को भुगतना पड़ा।
विश्व रिकॉर्ड धारक यह 38 वर्षीय गेंदबाज अपने आठ ओवर के स्पैल में कोई विकेट नहीं चटका पाया जबकि उनके साथी ऑफ स्पिनर सूरज रणदीव भी 43 रन खर्च करने के बावजूद कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए।
मुरलीधरन ने आज यहाँ कहा कि हमने काफी रन बनाए थे, 274 का स्कोर अच्छा था। मलिंगा ने दो अहम विकेट हासिल किए, लेकिन इसके बाद हम उनके विकेट हासिल नहीं कर पाए विशेषकर बीच के ओवरों में। स्पिनरों ने काफी विकेट नहीं चटकाए और यह मुख्य कारण था।
उन्होंने कहा कि अगर मैं या सूरज कुछ विकेट चटकाते तो कहानी अलग हो सकती थी। क्रिकेट में ऐसा होता है इसलिए आपको आगे बढ़ना होगा और मैं भविष्य में टीम के अच्छे प्रदर्शन की कामना करता हूँ।
श्रीलंका की कई यादगार जीतों के गवाह रहे इस दिग्गज स्पिनर को इस बात की निराशा है कि वह जीत के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत नहीं कर पाए। (भाषा)