18 हजारी बनने से चंद कदम दूर सचिन

सोमवार, 14 मार्च 2011 (18:16 IST)
PTI
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क्रिकेट के रिकॉर्ड सम्राट सचिन तेंडुलकर एकदिवसीय मैचों में 18000 रन पूरे करने से चंद कदम दूर रह गए हैं और वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के आखिरी विश्वकप लीग मैच में वह यह आँकड़ा भी पार कर सकते हैं।

विश्वकप में दो शतकों सहित 324 रन बना चुके सचिन को 18000 रन पूरे करने के लिए सिर्फ 47 रन की जरूरत है। उनके खाते में 449 वनडे की 438 पारियों में 45.22 के औसत से 17953 रन हैं।

सचिन इस विश्वकप में जबर्दस्त फार्म में दिखाई दे रहे हैं और उन्होंने इंग्लैंड तथा दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ शतक बनाए हैं। सचिन वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में उतरने के साथ ही 450 वनडे पूरे करने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बन जाएँगे। उनके नाम सर्वाधिक 177 टेस्ट खेलने का भी विश्व रिकॉर्ड है।

टेस्ट और वनडे दोनों तरह की क्रिकेट में सर्वाधिक रनों और शतकों का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले सचिन विश्वकप में भी सर्वाधिक रनों और शतकों का विश्वरिकार्ड अपने नाम रखते हैं।

उन्होंने मौजूदा टूर्नामेंट में विश्वकप में अपने 2000 रन भी पूरे कर लिए हैं और साथ ही अपने शतकों की संख्या छह पहुँचाकर वह अपने नजदीक प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग से काफी आगे निकल गए हैं।

सचिन और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया के पोंटिंग के बीच वनडे में रनों का फासला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सचिन के जहाँ 17953 रन हैं वहीं पोंटिंग के 356 वनडे में 13158 रन हैं। दोनों के बीच इस समय 4795 रनों का बेहद लंबा फासला है जिसे पाट पाना ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के लिए लगभग असंभव काम होगा।

शतकों के मामले में भी पोंटिंग मास्टर ब्लास्टर से बहुत पीछे हैं1 सचिन के 48 शतकों के मुकाबले पोंटिंग के 29 शतक हैं और दोनों के बीच 19 शतकों का बड़ा फासला है। विश्वकप में सचिन के छह शतकों के मुकाबले पोंटिंग के पास चार शतक हैं।

सचिन कीर्तिमानों का स्तर इतना ऊँचा करते जा रहे हैं कि उन तक पहुँच पाना भविष्य में किसी भी बल्लेबाज के लिए बेहद मुश्किल काम होगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 21 से ज्यादा वर्ष गुजार चुके सचिन दोनों तरह की क्रिकेट में 626 मैचों में 99 शतकों की मदद से 32645 रन बना चुके हैं।

वह दोनों तरह की क्रिकेट में शतकों का महाशतक पूरा करने से सिर्फ एक कदम दूर हैं। यदि वह इस विश्वकप में एक और शतक बना लेते हैं तो उनके खाते में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक हो जाएँगे। उन्होंने टेस्ट में 51 और वनडे में 48 शतक बनाए हैं।

मौजूदा टूर्नामेंट में सचिन ने अपनी बल्लेबाजी को एक नया ही रूप दे दिया है। पिछले कुछ वर्षों में सचिन ने आगे बढ़कर लाफ्टेड शॉट खेलने छोड़ दिए थे और वह ज्यादातर फील्डरों के बीच से चौके निकालने में ही यकीन रखते थे। लेकिन अब वह आगे बढकर मिडऑन और मिडऑफ के ऊपर से छक्का मारने से चूक नहीं रहे हैं।

सचिन न केवल आगे बढ़कर ऊँचे शॉट खेल रहे हैं बल्कि वह तेज गेंदबाजों की बाउंसर को हुक कर सीमारेखा के बाहर भेज रहे हैं। यह उनका थोड़ा दुर्भाग्य कहा जाएगा कि विश्वकप में उनके दोनों शतकों के बावजूद भारत जीत हासिल नहीं कर पाया। इंग्लैंड के खिलाफ सचिन ने 120 रन बनाए मगर मैच टाई रहा और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 111 रन बनाए मगर मैच भारत हार गया।

विश्वकप शुरू होने से पहले अधिकतर भारतीय खिलाड़ियों ने यह कहा था कि वह सचिन के लिए विश्वकप जीतना चाहते हैं लेकिन भारतीय गेंदबाजी और बल्लेबाजी की लड़खड़ाहट सचिन का एक अदद विश्वकप जीतने का सपना तोड़ सकती है। भारतीयों को अपनी इस लड़खड़ाहट पर काबू पाना होगा वर्ना वे सचिन को विश्वकप का तोहफा नहीं दे पाएँगे। (वार्ता)

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