कौन होगा भारत-पाक का 'एक्स फैक्टर'?

सोमवार, 28 मार्च 2011 (13:53 IST)
विश्वकप 2011 के सेमीफाइनल में भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच अब सिर्फ मैच ही नहीं रहा वो एक हाईप्रोफाइल इवेंट बन गया है जिस पर न सिर्फ इस विश्वकप की सफलता बल्कि दो देशों के राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध भी दाँव पर लग गए हैं।

दोनों ही टीमों में कई बातें समान हैं। एक ही उपमहाद्वीप की होने के अलावा दोनों ही टीमों का पिछला विश्वकप अनुभव याद करने लायक नहीं है। दोनों देशों में क्रिकेट को द्विपक्षीय संबंध सुधारने का जरिया माना जाता है। साथ ही भारत-पाक की जनता में क्रिकेट की बेइंतहा दीवानगी है।

भारत-पाकिस्तान के दरमियान होने वाले मैचों जैसे हाई वोल्टेज मुकाबले शायद ही देखने को मिलते हों इसलिए दुनिया भर की नजर इस मैच पर है। सुपर सेमीफाइनल मैच को देखने के लिए आम के साथ-साथ खास भी जुटने वाले हैं।

फिक्सिंग, डोपिंग और पिछले विश्वकप में आयरलैंड के हाथों बाहर होने व कोच बॉब वूल्मर की मौत की कड़वी यादों से जूझ रही पाक टीम पर इस सेमीफाइनल को जीत कर खुद को पाक-साफ करने का इससे अच्छा मौका फिर कभी नहीं मिलेगा।

अभी तक पाक टीम अपने प्रदर्शन से अच्छी टीमों को पटखनी देती हुई यहाँ तक पहुँची है। पर जितनी दमदार उसकी गेंदबाजी है उतनी ही अस्थिर उसकी बल्लेबाजी है। अभी तक पाकिस्तान की नैया उसके गेंदबाजों ने ही पार लगाई है। पाकिस्तान ने इस विश्वकप में अभी तक जितने भी मैच जीते हैं वो अपनी गेंदबाजी के सहारे ही जीते हैं।

पाक बल्लेबाज में से कोई भी अभी तक शतक नहीं लगा पाया है। कामरान अकमल, यूनुस खान, मिस्बाह और शाहिद अफरीदी पूरे फॉर्म में नहीं दिखते। कहा जा सकता है कि इस सेमीफाइनल को जीतने के लिए पाकिस्तान को जरूरत है 'एक्स फैक्टर' की। पर यह एक्स फैक्टर क्या होगा? कौन है ऐसा खिलाड़ी जो 'एक्स फैक्टर' के सहारे उलटफेर करने की कुव्वत रखता है।

पाकिस्तान के भूतपूर्व कप्तान इमरान खान का कहना है कि यह 'एक्स फैक्टर' पाकिस्तान के सिर्फ एक खिलाड़ी, टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी में दिखता है। उनके मुताबिक शाहिद गेंद से तो कमाल कर ही रहे हैं पर उनके बल्ले से एक शानदार पारी अभी आनी है। तो हो सकता है कि इस सेमीफाइनल में शाहिद गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी कमाल दिखला दें।

इमरान खान की बात में दम तो लगता है क्योंकि अगर शाहिद अपने रंग में लौट आए तो वे अपनी आतिशी बल्लेबाजी से किसी भी टीम के गेंदबाजों की लाइन-लेंग्थ बिगाड़ सकते हैं। भारतीय गेंदबाजी पर उठते सवाल भी इस डर का समर्थन करते हैं।

अब बात करते हैं भारतीय टीम की, भारतीय टीम की मजबूती उसकी विश्वस्तरीय बल्लेबाजी है। सचिन, सहवाग और युवराज से सजी इस वर्ल्ड क्लास टीम के पास इस सेमी फाइनल को जीतने का हर जरूरी कारण है। खुद की जमीं पर खेलने का फायदा तो होता ही है।

मोहाली जहाँ युवराज और हरभजन का होम ग्राउंड है वहीं सचिन के लिए भी यह स्टेडियम अब तक बेहद भाग्यशाली साबित हुआ है। विश्वकप के पिछले आँकड़े भारत के साथ हैं। जब भी विश्वकप में भारत-पाकिस्तान का मुकाबला हुआ है भारत हमेशा पाकिस्तान पर भारी पड़ा है।

भारत की गेंदबाजी जहाँ चिंता का सबब बनी हुई है वहीं मध्य और निचले क्रम की बल्लेबाजी का लगातार फ्लॉप होना भी पेशानी पर पसीना ला रहा है। तो इस बार भारत के पास भी एक्स फैक्टर का होना बहुत जरूरी है। पर भारत का एक्स फैक़्टर कौन होगा?

इसके तो कई दावेदार हैं जिनका प्रदर्शन भारतीय टीम की जगह फाइनल में पक्की कर सकता है। युवराजसिंह, सचिन तेंडुलकर, वीरेन्द्र सहवाग और महेन्द्रसिंह धोनी में से कोई भी भारत के 'एक्स फैक्टर' साबित हो सकते हैं। इस सभी में इतनी काबिलियत है कि खुद के दम पर मैच फतह सकते हैं।

पर सबसे बड़ा 'एक्स फैक्टर' हो सकता है टॉस जीतना। मोहाली के पिच का मिजाज कहता है कि जो भी टीम पहले बल्लेबाजी करेगी उसका पलड़ा भारी हो सकता है। 275-300 का स्कोर बनने पर टारगेट चेस करना बेहद मुश्किल होगा। शाम को ड्यु फैक्टर भी चल सकता है जो कुछ हद तक बल्लेबाजों की मदद कर सकता है। मोहाली का विकेट भारत का सबसे तेज विकेट है और पहली इनिंग में तेज गेंदबाजों की मदद करेगा। शाम को ओस से भीगी गेंद पर पकड़ बनाना गेंदबाजों के लिए भारी सिरदर्द है।

सबसे ज्यादा उम्मीदें है युवराज और सचिन से, पर सहवाग, हरभजन, जहीर और धोनी भी पाकिस्तान के खिलाफ शानदार खेलते हैं। तो कहा की जा सकता है कि भारत के एक्स फैक्टर के चलने की ज्यादा उम्मीद है बनिस्बत पाकिस्तान के। जो भी हो, मुकाबला कड़ा और बेहद रोमांचक होने वाला है।

- (वेबदुनिया डेस्क)

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