क्वार्टर फाइनल में चौंका देंगे हम-प्रायर

बुधवार, 23 मार्च 2011 (19:52 IST)
उतारचढ़ाव भरे लीग मुकाबलों से गुजरकर विश्वकप क्रिकेट टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुँची इंग्लैंड टीम के विकेटकीपर मैट प्रायर ने बुधवार को कहा कि उनकी टीम ने अब तक टूर्नामेंट में अपनी पूरी ताकत का प्रदर्शन नहीं किया है लेकिन शनिवार को होने वाले क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन कर छुपा रुस्तम साबित होगी।

प्रायर ने यहाँ कहा हमने लंबे समय से अपनी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेली है। फिर भी क्वार्टर फाइनल तक पहुँचने में कामयाब रहे हैं। पिछले मैचों में हम जितना कुछ कर सकते थे। उसके इर्दगिर्द भी नहीं पहुँचे। इसलिए हमें पूरा यकीन है कि सशक्त दिख रही श्रीलंकाई टीम के सामने हम छुपा रुस्तम साबित होंगे।

उन्होंने साथ ही कहा कि जीत पक्की करने के लिए टीम को खेल के सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने कहा एक टीम के रूप में हम काफी सशक्त हैं और एकजुट होकर यदि बैटिंग, बॉलिंग तथा फील्डिंग तीनों विधाओं में दमदार प्रदर्शन करें तो हमें हराना बहुत मुश्किल होगा।

अपने अंतिम लीग मुकाबले में वेस्टइंडीज पर मिली जीत को जोश बढ़ाने वाला बताते उन्होंने कहा इस जीत से हमारा आत्मविश्वास और मनोबल बहुत बढ़ा है। इससे पता चलता है कि हमें आसानी से हराया नहीं जा सकता है। हममें काफी आग बाकी है।

विश्वकप में इंग्लैंड की शुरुआत बेहद हताशाजनक रही। टीम हॉलैंड से हाँफ-हाँफ कर जीती तो आयरलैंड के खिलाफ मैच गँवा ही बैठी। फिर सह मेजबान बांग्लादेश के हाथों भी उसे हार झेलनी पड़ी लेकिन फिर शानदार वापसी करते हुए उसने 177 रन का छोटा लक्ष्य देकर भी दक्षिण अफ्रीका को धूल चटा दी। इतना ही नहीं 339 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत के खिलाफ मैच टाई करा लिया और अंत में वेस्टइंडीज पर 18 रन की रोमांचक जीत दर्ज की।

प्रायर ने कहा कि टीम यहाँ विश्वकप जीतने आई है और ऐसा नहीं कर सकी तो बेहद निराशा होगी। अगर हम कप नहीं जीत पाते हैं तो मैं कहूँगा कि हम एकजुट टीम के रूप में बेहतर नहीं खेल सके। सभी जानते हैं कि हमने अब तक पूरा प्रयास नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस के साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी नई भूमिका से वह खुश हैं हालाँकि वह अब तक कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाए हैं।

विकेटकीपर ने कहा जब केविन पीटरसन के बाहर होने के बाद मुझसे यह जिम्मेदारी संभालने को कहा गया तो मुझे नहीं लगा कि पूरे टूर्नामेंट में मेरी यही भूमिका है। खैर यह निर्णय टीम प्रबंधन का होता है। शीर्ष के छह, सात बल्लेबाजों को खुद मालूम नहीं होता है कि उन्हें कहाँ बल्लेबाजी करनी है। प्रबंधन का आदेश हमें मानना ही है। (वार्ता)

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