भारत की विश्वकप में ऐतिहासिक जीत के बाद कोई भी सचिन तेंडुलकर के भावुकता को देख सकता है जो अपने बचपन के सपने के सच हो जाने से बेहद खुश थे।
तेंडुलकर ने कहा, ‘जब मैं बच्चा था तो मैं इस सपने के साथ बड़ा हुआ कि एक दिन विश्व कप हाथ में उठाऊँगा। इसके साथ मेरे करियर में कई चीजें हुए और मैं इन सबके लिए बहुत खुश हूँ।’
उन्होंने आज पत्रकारों से कहा, ‘लेकिन यह विशिष्ट उपलब्धि है। इससे सभी भारतीयों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। कई भारतीय विदेशों में रहते हैं और उन्हें हमारी उपलब्धि पर गर्व है।’
मैन ऑफ द टूर्नामेंट युवराज सिंह ने कहा कि इस टीम ने हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन करने की कोशिश की और टीम में एकजुटता बनी रही।
युवराज ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमने विश्व कप को एक हजार बार तो चूम लिया होगा। यह बेहतरीन टीम है जो एक दूसरे का समर्थन करती है। गैरी का धन्यवाद जिनके कारण हम अपना प्रदर्शन सुधार पाए। हम कभी आत्ममुग्धता के शिकार नहीं बने।’
युवराज से उस भावनात्मक क्षण के बारे में पूछा गया कि जब तेंडुलकर ने उन्हें गला लगाया, उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि जब उन्होंने मुझे गले लगाया तब उन्होंने क्या कहा था लेकिन मैंने कभी सचिन के आँखों में आँसू नहीं देखे थे।' (भाषा)