भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने आज संकेत दिए कि उनकी टीम आयरलैंड के खिलाफ कल यहाँ होने वाले विश्वकप मैच में टॉस जीतने की दशा में उनकी टीम लक्ष्य देने के बजाय लक्ष्य का पीछा करना पसंद करेगी।
धोनी ने कहा, ‘दूधिया रोशनी में बल्लेबाजी करना आसान है क्योंकि तब विकेट का मिजाज बल्लेबाजी के अधिक अनुकूल होता है। दूसरी पारी में गेंद बल्ले पर अच्छी तरह से आती है। तेज गेंदबाजों के लिए अतिरिक्त तेजी नहीं होती है। दोपहर में गेंद थोड़ा रुककर आती है और तब स्पिनरों को मदद मिलती है।’
चिन्नास्वामी स्टेडियम का विकेट गेंदबाजों के लिए कब्रगाह साबित हुआ है तथा इसमें पहले दो मैच में 300 से अधिक का स्कोर बना है।
उन्होंने कहा, ‘भारत में अमूमन आपको सपाट विकेट मिलेंगे। आपको यहाँ टर्न लेने वाले विकेट भी मिल सकते हैं लेकिन तेज गेंदबाजों के अनुकूल विकेट मिलना मुश्किल है।’
धोनी ने कहा, ‘कल भी आप ऐसी ही अपेक्षा कर सकते हो और यह कहना मुश्किल है कि यह टर्न करेगा या नहीं। पिछले दो मैच में काफी रन बने और कुल मिलाकर लगभग 1400 के करीब रन बने हैं। आशा है कि कल का मैच भी ऐसा ही होगा।’ पाँच कप्तानों के साथ खेलने के विकल्प के बारे में धोनी ने कहा कि कोई भी टीम अपने मजबूत पक्षों पर ध्यान देती है।
उन्होंने कहा, ‘आप हमेशा अपने मजबूत पक्षों पर ध्यान देते हो। कई बार आपको लगता है कि पर्याप्त रन नहीं है। यूसुफ पठान के टीम में होने से युवराज और वह पाँचवें गेंदबाज की कमी पूरा कर सकते हैं। हम सात बल्लेबाजों के साथ उतर सकते हैं।’ (भाषा)