विश्वकप ट्रॉफी कस्टम अधिकारियों के पास

शनिवार, 2 अप्रैल 2011 (18:24 IST)
विश्वकप को जीतने के लिए भले ही दोनों भारत और श्रीलंका की टीमें जी-जान से मेहनत कर रही हों लेकिन फाइनल में विजेता को दी जाने वाली ट्रॉफी को मुकाबला शुरु होने से महज 24 घंटे पहले कस्टम ड्यूटी नहीं चुकाने के कारण छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था।

शुक्रवार को देर रात कस्टम अधिकारियों ने यहाँ ऑस्ट्रेलियाई नागरिक एमिली फ्लेसिटी वेट को हवाईअड्डे पर विदेशी यात्रियों के क्लियरेंस के लिए बने 'ग्रीन चैनल' पर बिना किसी क्लियरेंस के ट्रॉफी को ले जाने पर रोक दिया।

एमिली ट्रॉफी को ले जाने के लिए जरूरी दस्तावेज पेश नहीं कर पाई। कस्टम अधिकारियों ने उनके बयान को रिकॉर्ड करने के बाद ट्रॉफी को अपने कब्जे में ले लिया तथा विभाग के अतिरिक्त आयुक्त के प्रेमचंद के नेतृत्व में अन्य अधिकारियों की टीम ने ट्रॉफी को हवाईअड्डे के भंडारगृह में पहुँचा दिया।

कस्टम अधिकारियों ने ट्रॉफी के लिए 15 लाख रुपए के भुगतान शुल्क देने के बाद ही ट्रॉफी को छोड़ने की बात कही है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अधिकारी कस्टम अधिकारियों के लगातार संपर्क में बने हुए हैं ताकि मुकाबला शुरू होने से पहले ट्राफ्ी को छुड़ा लिया जाए।

हालाँकि आईसीसी के मीडिया प्रभारी कोलिन गिब्सन ने ईमेल के जरिए बताया कि कस्टम के पास मौजूद ट्रॉफी असली ट्रॉफी का केवल प्रतिरूप है जो प्रचार के लिए इस्तेमाल की जाती है और ये कोलंबो से मुंबई तक महज व्यापार और प्रचार के उद्देश्य से ही यहाँ पहुँची है जबकि विजेता टीम को दी जाने वाली ट्रॉफी बीसीसीआई के पास मौजूद है।

वहीं मुकाबले से पहले हुए इस ट्रॉफी कांड पर कस्टम के अतिरिक्ति आयुक्त और बीसीसीआई की ओर से अब तक कोई बयान नहीं दिया गया है। (वार्ता)

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