इंजमाम-उल-हकः हीरो से विलेन तक का सफर

शनिवार, 24 जनवरी 2015 (14:51 IST)
इंजमाम उल हक पाकिस्तान के जाबांज क्रिकेटरों में से एक हैं। पांच विश्वकप में पाकिस्तान टीम का हिस्सा रहे इंजमाम उल हक ने कई मर्तबा पाकिस्तान के लिए बेहतरीन पारियां खेल कर अपने बेहतरीन खेल का सुबूत पेश किया। 1992 के विश्वकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ 37 गेंदों पर 60 रन ठोंकने वाले इंजमाम उल हक ने पाकिस्तान की 1992 विश्वकप जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

1999 में पाकिस्तान एक बार फिर फाइनल में पहुंची लेकिन असफल रही। पाकिस्तान की बल्लेबाजी ताश के पत्तों के माफिक मात्र 131 रनों पर ढेर हो गई।इस हार के बारे में इंजमाम उल हक कहते हैं कि लॉर्डस के उस विकेट को हमसे पढ़ने में भूल हुई और हमारी टीम ने ऑस्ट्रेलिया के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इंजमाम के मुताबिक 1999 की पाकिस्तान टीम अब तक की सबसे बेहतरीन पाकिस्तान की टीमों में से एक थी। इंजमाम कहते हैं कि उस टीम में हर प्लेयर फॉर्म में था लेकिन विश्वकप फाइनल ने सारा काम बिगाड़ दिया।

पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। 2003 के विश्वकप के बाद पाकिस्तान टीम की कमान कप्तान के रूप में संभालने वाले इंजमाम उल हक ने अपनी बेहतरीन कप्तानी के बल पर कई श्रृंखलाओं में पाकिस्तान को जीत दिलाई। पाकिस्तान के प्रदर्शन को देखते हुए 2007 के विश्वकप में टीम पाकिस्तान को प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन जो हुआ उसे पाकिस्तान टीम कभी भी याद नहीं रखना चाहेगी। विश्वकप के एक बड़े उलटफेर में पहली बार विश्वकप खेलने वाली आयरलैंड ने पाकिस्तान को हरा दिया।

पाकिस्तान को बाहर का रास्ता देखना पड़ा। इस मैच में 4 पाकिस्तानी बल्लेबाजों के अलावा कोई भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाया। पाकिस्तान आखिरकार 132 रनों पर ढेर हो गई और आयरलैंड ने यह मुकाबला 3 विकेट से जीत लिया। इस हार के साथ ही पाकिस्तान को विश्वकप से बाहर होना पड़ा। पाकिस्तान की इस हार का सारा ठीकरा इंजमाम पर फोड़ा गया।

इंजमाम की देश और विदेश में खूब भर्त्सना हुई। इतने दबाव के चलते इस बेहतरीन पाकिस्तानी खिलाड़ी ने क्रिकेट को विश्वकप के तुरंत बाद अलविदा कह दिया। इसके अलावा विश्वकप में एक और बड़ी घटना हुई वह थी पाकिस्तान के कोच बॉब बूल्मर की आकस्मिक मृत्यु। पाकिस्तान टीम के कोच अपने होटल के कमरे में मृत पाए गए।

यह मामला अंतरराष्ट्रीय मामला बना। जांच भी हुई लेकिन जांच में उनकी मृत्यु के कारण साफ नहीं पता चल सके। पाकिस्तान के लिए यह विश्वकप बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा। इंजमाम उल हक का संन्यास का बीज इसी विश्वकप में बोया गया था।                         
 
 

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