क्या बल्लेबाजों का विश्व कप है विश्वकप 2015(वीडियो)

शनिवार, 14 मार्च 2015 (11:26 IST)
क्रिकेट विश्व कप 2015 को अगर बल्लेबाजों का विश्व कप कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिस प्रकार से मैच दर मैच गेंदबाजों की पिटाई हो रही है उससे तो यही लगता है। विश्व कप में अब तक 20 से ज्यादा बार 300 से ज्यादा स्कोर बन चुका है और हद तो तब हो गई जब छोटी-छोटी टीमें भी आसानी से 300 का स्कोर पार कर गईं।

यह पहला विश्व कप हैं जिसमें तीन बार 400 का आंकड़ा पार हुआ है। इसके पहले 2007 के विश्व कप में भारत ने 413 रन बनाए थे। इस विश्व कप में रनों के बेतरतीब बहाव के लिए नए क्षेत्ररक्षण नियम जिम्मेदार माने जा रहे हैं। साथ ही नई गेंद के इस्तेमाल को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि नई गेंद तेज गेंदबाजों को मदद पहुंचाती है लेकिन ऐसा अब तक देखने को नहीं मिला है।  
 
हर 25 ओवर के बाद बदली जाने वाली गेंद 35 ओवर के बाद लिए जाने वाले पावलरप्ले के दौरान भी नई ही रहती है, गेंद के चमकदार और ठोस रहने के कारण रन भी खूब पड़ते हैं। अगर हाल के मैचों की बात की जाए तो पावरप्ले में खूब रन बने हैं।

ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के दरम्यान खेले गए मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 12 के ऊपर के रन रेट से अंतिम पावरप्ले में रन बनाए। हाल ही में स्कॉटलैंड के खिलाड़ी काइले कोएत्जर ने शानदार 152 रन बनाए, उन्होंने भी पावरप्ले का खूब फायदा उठाया था और अंतिम 52 रन 31 गेंदों में बटोरे थे।

इसके पहले के विश्व कप में 300 के ऊपर का टोटल एक सम्मानजनक टोटल माना जाता था, लेकिन इस विश्व कप में यह बात नहीं रही। आयरलैंड ने अपने पूल के पहले मुकाबले में वेस्टइंडीज को 300 से अधिक रन बनाने के बावजूद हराया था।

वहीं बांग्लादेश और जिम्बाब्बे के मैच में जिम्बाब्वे आयरलैंड के द्वारा दिए गए 332 रनों के लक्ष्य के बिल्कुल करीब पहुंच गया था और बाद में 6 रनों से हारा। बांग्लादेश ने भी स्कॉटलैंड के द्वारा दिए गए 318 रनों के स्कोर को बड़ी आसानी से चेज कर लिया था। साथ ही इस विश्व कप में अब तक सबसे ज्यादा शतक भी देखे गए हैं। हाल ही में श्रीलंका के कुमार संगकारा ने लगातार चार शतक लगाने का विश्व कप में रिकॉर्ड अपने नाम किया है।

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