यह सूचकांक दर्शाता है कि किसी शहर में रहने वाले परिवार को आय के अनुपात में कितनी रकम मासिक किस्त के तौर पर देनी पड़ती है। मसलन, यह अनुपात 40 प्रतिशत होने का मतलब है कि उस शहर के एक परिवार को अपनी आय का 40 फीसदी हिस्सा मासिक किस्त के रूप में चुकाना होता है।
वहीं मुंबई में आय एवं मासिक किस्त का अनुपात 53 प्रतिशत होने से यह सबसे महंगा आवास बाजार बन जाता है। हैदराबाद में 29 फीसदी, बेंगलुरु में 26 फीसदी और चेन्नई एवं कोलकाता में 25-25 फीसदी का अनुपात है।(भाषा)