सेक्स से पहले योग

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सेक्स से पहले योग करने से भरपूर ऊर्जा शक्ति का संचार होता है। यह ऊर्जा सेक्स के दौरान काफी लाभदायक सिद्ध हो सकती है। स्वस्थ और आनंददायक सेक्स के लिए सेक्स से पूर्व योग आपके दिमाग और माँसपेशियों को तरोताजा कर देता है। योगासन करने के बाद योग स्नान शरीर को ताजगी से भर देता है जो आपके आनंद को स्वस्थ और सुगंधित बनाए रखने के लिए जरूरी है।

*योगा मसाज : चेहरे पर हलका-सा क्रीम या तेल लगाकर धीरे-धीरे उसकी मालिश करें। इसी तरह हाथों और पैरों की अँगुलियाँ, सिर, पैर, कंधे, कान, पिंडलियाँ, जंघाएँ, पीठ और पेट की मालिश करें। अच्छे से शरीर के सभी अंगों को हलके-हलके दबाएँ जिससे रुकी हुई ऊर्जा मुक्त होकर उन अंगों के स्नायु में पहुँचे तथा रक्त का पुन: संचार हो।

*योगा बाथ : सुगंध, स्पर्श, प्रकाश और तेल का औषधीय मेल सभी शारीरिक व मानसिक विकारों को दूर करता है। इसे आयुर्वेदिक या स्पा स्नान भी कहते हैं। इस स्नान के कई चरण होते हैं। इन चरणों में अभ्यंगम, शिरोधारा, नास्यम, स्वेदम और लेपन आदि अनेक तरीके अपनाए जाते हैं। इसके पूर्व आप चाहें तो पंचकर्म को भी अपना सकते हैं। पंचकर्म अर्थात पाँच तरह के कार्य से शरीर की शुद्धि करना। ये पाँच कार्य हैं- वमन, विरेचन, बस्ति-अनुवासन, बस्ति-आस्‍थापन और नस्य।

*डाइट कंट्रोल : जितना भोजन लेने की क्षमता रखते हैं उससे कुछ कम ही लें। भोजन मसालेदार, माँसाहार और मिर्च वाला न हो। कड़वा, खट्टा, तीखा, नमकीन, गरम, खट्टी भाजी, तेल, तिल, सरसों, मद्य, मछली, बकरे आदि का माँस, दही, छाछ, बेर, खल्ली, हींग, लहसुन और बासी भोजन का त्याग करें।

*योगा डाइट : भोजन में घी, रस और रेशों की मात्रा ज्यादा हो। चावल, ज्वार, जौ, दूध, घी, खाण्ड, मक्खन, मिश्री, मधु, हरी सब्जी, मूँग, हरा चना और फल का सेवन करें। भोजन पुष्टिकारक, सुमधुर, सुपाच्य हो।

*प्राणों का संचार : तेज, गहरी तथा अराजकपूर्ण भस्रिका से भी अधिक तीव्रता से श्वास लें। इसमें श्वास लेने से ज्यादा जोर छोड़ने पर। श्वास का झंझावात खड़ा कर दें जो आपके तन-मन को झकझोर दे ऐसा। चीखें, चिल्लाएँ, नाचें, गाएँ, रोएँ, कूदें, हँसें या फिर शरीर को इस कदर हिलाएँ-डुलाएँ कि जैसे कोई भूत आ गया हो। पूरी तरह से पागल हो जाएँ। सिर्फ 10 मिनट के लिए और फिर 10 मिनट का ध्यान करें। लेकिन यह सब योग चिकित्सक की देखरेख में ही करें।

*योगा पैकेज : बारह आसनों को आप नियमित करें। इन्हें आपके जीवन का हिस्सा बना लें। इनके करने से किसी भी प्रकार का यौन रोग नहीं होगा। इससे आपका यौवन बरकरार रहेगा। यह बारह आसन निम्न हैं- पद्मासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, सर्वांगासन, हलासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तनासन, मयुरासन, भद्रासन, मुद्रासन, भुजंगासन, चंद्रासन और शीर्षासन।

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