योग के बढ़ते व्यवसाय के बारे में चौंकाने वाले तथ्य

इक्कीसवीं सदी की शुरुआत में योग के प्रचार-प्रसार को जो आधुनिक रंग दिया गया था उसके परिणाम सन् 2009 में आने लगे। अब तो योगा डे मनाने के साथ ही योग अब विश्वव्यापी बन चुका है। योग के प्रचार-प्रसार में देशी और विदेशी योगाचार्यों की मेहनत रंग लाई और इसका चमचमाता बाजार खड़ा है।
 
पश्चिमी देशों में योग आधुनिक जीवन की तमाम समस्याओं का हल हो गया है। शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर मानसिक स्वास्थ्य की प्रतिष्ठा योग से जुड़ गई और इस तरह यह पश्चिमी दुनिया में जीवनशैली की अहम जरूरत ही नहीं बना बल्कि अब यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि जिस तरह भारत में अंग्रेजी बोलना, जींस पहनना स्टेट्स सिंबल माना जाता है वहाँ योग स्टेट्स सिंबल और फैशन बन गया है।
 
योग की आवश्यकता और योग के प्रति इस जागरूकता के चलते वहां योग के बाजार ने भी स्वयं को विस्तार करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। योग पर कई अंग्रेजी वेबसाइटों पर वीजिट करने के बाद पता चलता है ‍कि ज्यादातर वेबसाइटें तो पश्‍चिमी देशों के संस्थानों की है। वे लोग योग सीख भी रहे हैं और उसे बेहतर तकनालॉजी के साथ सीखा भी रहे हैं। आप उनके वीडियो के डेमो देंखे, टेक्स्ट देंखे और इसमें कोई आश्चर्य नहीं की बेहतरीन प्रोडक्ट की लंबी लिस्ट डॉलर के सिंबल के साथ आपको मिलेगी।
 
योगा प्रोडक्ट : रिटेल के साथ ही ऑनलाइन मार्केट में योग से जुड़े उत्पादों की बिक्री हो रही है। अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, के अलावा प्रयोग, भू-सत्व, फॉर एवर योग, अर्बन योग जैसी नई कंपनियां योग से जुड़े उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री कर रहे हैं।
 
बाजारवाद के चलते अब तो कई देशों में 'योगा शॉप' भी खुल गई है, जहां आप पाएंगे कई रंगों में उपलब्ध मॉडर्न मेट, रंग-बिरंगी नक्काशी की हुई कालीन, म्यूजिक सिस्टम, बुक्स, लड़के और लड़कियों के अलग योगा ड्रेसेस, योगा बेग्स, बेल्ट, जलनेति के लिए नेति पॉट, धोति कर्म के लिए धोति, विशेष आसनों के लिए तकिए, गद्दे और लकड़ी के पॉट जैसी अनेक और चीजें है, जो बाजार में उपलब्ध है।
 
घर की चटाई या मैट से काम नहीं चलेगा। रेशमी, ऊनी या मखमली मैट की कीमत पढ़ें, फिर योगा बैग भी है जिसमें मैट रखी जा सके। हां योगा सोल्डर व्रेप का उपयोग भी कर सकते हैं, जो सिर्फ आपके कंधो को सुरक्षित रखने के लिए होता है। यह सोल्डर व्रेप हलासन, सर्वांगासन जैसे आसनों के लिए काम आता है। योगा बेल्ट के माध्यम से आप विपरीतकर्णी जैसे आसन आसानी से कर सकते हैं। महिलाओं के लिए योगा टॉप मीडी, पेंटी, जेकेट, शॉट शर्ट आदि। फिर विभिन्न रंगों की योगा सेंडल भी हैं।
 
योग करते वक्त अच्छा माहौल होना चाहिए, तो जरूरी है योगा परफ्यूम और खास तरह से बनाया गया योगा संगीत का इस्तेमाल हो। योगा टॉवेल और योगा रूमाल या नैपकिन की आवश्यकता योगा करने के बाद लगती ही है। हां अब बात करते हैं कीमत की तो जान लें की प्रत्येक आइटम की कीमत 20 डॉलर से 50 डॉलर तक हो सकती है।
 
योगा क्लासेस : अब योगा क्लासेस कहने में थोड़ी झेप आती है। इंडोनेशिया से अमेरिका तक योगा रिजॉर्ट खुल गए हैं। जहां योग की प्रत्येक विधा से आपका परिचय होगा। इस क्षेत्र में न सिर्फ आध्यात्मिक गुरु बल्कि सरकारी और गैर-सरकारी विभाग के कई सीनियर अध‍कारियों ने अपनी नौकरी छोड़कर विदेशों में योग केंद्र स्थापित कर लिए हैं।
 
हिमालय के बौद्ध और हिंदू मठों से निकलकर योग अब योगा बनते हुए न्यूयॉर्क, लंदन, बैंकाक, बाली, कैलिफोर्निया, मैक्सिको, स्पेन, मलेशिया, कोस्टारिका के भव्य योग रिजॉर्ट की शान बन चुका है। थाइलैंड के हुआ हिन, वेस्टइंडीज के पैरट के, इंडोनेशिया के देसा सेनी-वाली, मैक्सिको के मायाट्लुम, स्पेन के इंजिबा, कोस्टारिका के गोल्डन डोर, अमेरिका के श्रीकैनील वे वर्जिन आलैंड, मिलामोंटे केलिफोर्निया और कालानी बाई आदि रिजॉर्टों में योग को सीखना शान की बात है। भारत में भी कई योगा रिजॉर्ट है। उत्तरांचल में स्थित है आनंद स्पा योगा रिजॉर्ट। उत्तरांचल में और भी कई योगा रिजॉर्ट है, जिनमें पतंजली योग पीठ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। वैसे पुना के ओशो रिजॉर्ट में भी योगा ट्रीटमेंट दिया ज्यादा है। पुना में तो कई क्लासेस संचालित होती है, जहाँ योगा ट्रेनिंग दी जाती है।
 
रिजॉर्ट की संस्कृति से हटकर भारत में अब प्रत्येक शहर में योगा क्लासेस के बोर्ड लगे हुए देंखे जा सकते हैं। अभी होर्डिंग तो सिर्फ योगा शिविरों के ही लगते हैं, लेकिन दूर नहीं वे दिन जब प्रतिदिन चलने वाली क्लासेस के बड़े से होर्डिंग देखने को मिले।
 
योगा टीचर : हम यहां रिजॉर्ट में सिखने की बात नहीं कर रहे हैं। ऑफिस, क्लॉसेस या आपके घर पर पहुंच सकता है योगा टीचर। कुछ ऐसे संस्थान है जिन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए कार्यालय के ही किसी रूम या टेरेस पर प्रतिदिन योगा क्लास का प्रबंध कर रखा है।
 
एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में योग सीखने वाले लोगों की संख्या करीब 20 करोड़ के पार हो चुकी है। इसके साथ ही योग टीचर्स की मांग सालाना 35 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। एक अनुमान के तहत देश में योग ट्रेनिंग का कारोबार करीब 2.5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का हो चुका है। इसमें लगाए जाने योग शिविर, कॉरपोरेट्स कंपनियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग और प्राइवेट ट्रेनिंग शामिल है। ट्रेंड योग प्रशिक्षक प्रति घंटे 400-1500 रुपए तक फीस लेते हैं। 
 
वैसे योगा टीचरों को आप घर बुलाकर योग सिखना चाहेंगे तो एक सिटिंग के कम से कम 100 रुपए पे करना होंगे। हो सकता है कि बड़े शहरों में ज्यादा पे करना पड़े। हां ‍यदि आप योगा क्लासेस ज्वाइन करते हैं, तो छोटे शहरों में प्रत्येक माह 300 से 500 रुपए चुका सकते हैं। रुपए का ज्यादा या कम होना क्लास, शहर और टीचर पर निर्भर करता है। मेट्रो सिटी में आधुनिक तामझाम के साथ आपको अलग-अलग कोर्स, ट्रीटमेंट या थेरेपी के लिए अलग से पे करना होंगे। यह हो सकता है कि वहां आपको तीन या चार योगा एक्सपर्ट से सिखने को मिले, अच्छे से मालिश हो और बेहतर योगा स्नान का मजा मिले।
 
खैर जो भी हो योग का बाजार धीरे-धीरे धर्म, राष्ट्र और समाज की सरहदें पार करते हुए विराट रूप धारण करता जा रहा है। देखना होगा की 21वीं सदी में यह और कितना व किस रूप में विस्तारित होता है।

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