किस रोग में कौन से योग आसन कारगर-1

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मोटापा : वैसे तो मात्र आंजनेय आसन ही लाभयायक सिद्ध होगा लेकिन आप करना चाहे तो ये भी कर सकते हैं- वज्रासन, मण्डूकासन, उत्तानमण्डूसकासन, उत्तानकूर्मासन, उष्ट्रासन, चक्रासन, उत्तानपादासन, सर्वागांसन व धनुरासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन, कटिचक्रासन, कोणासन, उर्ध्वाहस्तोहत्तातनासन और पद्मासन।

कमर और पेट की चर्बी घटाएं : ऑफिस में लगातार कुर्सी पर बैठे रहने या अन्य किसी कारण से अब अधिकतर लोगों के पेट निकल आए हैं और कमर पर भी अच्छी-खासी चर्बी चढ़ गई है। इस चर्बी को घटाने के लिए कटि चक्रासन के अलावा तोलांगुलासन भी उत्तम है, लेकिन आप चाहे तो ये आसन भी आजमा सकते हैं- वृक्षासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, पादस्तासन, आंजनेय आसन और वीरभद्रासन भी कर सकते हैं।

कमर दर्द : मकरासन, भुजंगासन, हलासन और अर्ध-मत्स्येन्द्रासन के अभ्यास से कमर का दर्द मिट जाता है।

योग से दूर भगाएं कब्ज, अगले पन्ने पर...


कब्ज आज का महारोग है। यह अनियमित भोजन, मांस, फास्ट-फूड मैदा, धूम्रपान, मदिरा आदि का सेवन करने से होती है। इसके अलावा तनाव और अनिद्रा भी इसके कारण हैं। योगाभ्यास के विभिन्न आसनों और मुद्राओं के माध्यम से हम इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं।

कब्ज रोग के लिए : वज्रासन, सुप्तवज्रासन, मयूरासन, पश्चिचमोत्तानासन, धनुरासन मत्स्यासन, कूर्मासन, चक्रासन, योग मुद्रा और अग्रिसार क्रिया लाभदायक रहती हैं।

झड़ते बालों के लिए करें ये आसन, अगले पन्ने पर...


झड़ते बालों के लिए : बालों के झड़ने का कारण है शहर का प्रदूषण, धूल, धुआं और दूषित भोजन-पानी। इसके अलावा तनाव और अवसाद। प्रदूषण से त्वचा रूखी हो जाती है रूखी त्वचा में डैंड्रफ हो जाते हैं और यह रूखी त्वचा चर्म रोग का कारण भी बन सकती है।

ये करें : वज्रासन के बाद कुर्मासन करें फिर उष्ट्रासन करें। पवनमुक्तासन के बाद मत्स्यासन करें फिर कुछ देर विश्राम करने के बाद शीर्षासन करें। आसनों को करने के बाद अनुलोम-विलोम प्राणायम करें और फिर पांच मिनट का ध्यान करें।

सेक्स में कमजोर तो पढ़ें अगला पन्ना...


तनाव भरा जीवन, नशे की प्रवृत्ति और प्रदूषण भरे माहौल में पुरुषों की सेक्स लाइफ का स्तर लगातर गिरता जा रहा है। कहते हैं कि सुखी जीवन के लिए सेक्स के प्रति संतु‍ष्टि होना आवश्यक है, जिससे जीवन के द्वंद्व मिटते हैं।

सेक्स लाइफ में सुधार के त्रिस्तर : शरीर, प्राण और मन अर्थात आसन से शरीर, प्राणायम से प्राण और ध्यान से मन में शांति और शक्ति संचार होता है। आप यदि प्रतिदिन सूर्यनमस्कार करेंगे तो फायदा होगा।

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