मोदी ने कहा कि किसी चीज की अहमियत तभी पता चलती है, जब वह नहीं रहती। हिन्दी भाषा के मामले में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्हों ने कहा कि 90 फीसदी भाषाओं के लुप्त होने का खतरा है। अगर हम हमारी भाषा को समृद्ध नहीं बना सके तो हिन्दी पर भी यही खतरा आ जाएगा।
मोदी ने चीन, मंगोलिया, मॉरीशस आदि देशों की अपनी यात्रा के कुछ संस्मरण बताते हुए यह जताया कि हिन्दी पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रही है और अहमियत बढ़ा रही है।