गत दिनों भोपाल में आयोजित 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के मौके पर दाधीच ने कहा कि तकनीक के माध्यम से हिन्दी के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। जिस तरह मोबाइल फोन और कंप्यूटरों का प्रसार हो रहा है, बाजार में हिन्दी की मांग भी बढ़ रही। कंपनियों को मांग पूरी करने के लिए आगे आना पड़ रहा है।
तीन विश्व सम्मेलनों में भागीदारी कर चुके बालेन्दु दाधीच कहते हैं कि दसवां हिन्दी सम्मेलन कई मायनों में उत्कृष्ट और अद्वितीय रहा। यहां सैद्धांतिक चर्चाएं और मात्र पर्चे नहीं पढ़े गए बल्कि सत्रों को व्यावहारिक बनाने की कोशिश भी की गई। सत्रों को इतना छोटा नहीं रखा कि अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाएं। स्वयं मुख्यमंत्री ने एक सत्र का संचालन किया।