भोपाल में 10वां विश्व हिन्दी सम्मेलन आज से, मोदी करेंगे शुभारंभ

गुरुवार, 10 सितम्बर 2015 (00:00 IST)
भोपाल। भोपाल में तीन दिवसीय 10वां विश्व हिन्दी सम्मेलन आज से शुरू हो रहा है, जो 12 सितम्बर तक चलेगा। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल परेड ग्राउंड पर रामधारी सिंह दिनकर सभागृह में सुबह 10.30 बजे करेंगे। मोदी दिल्ली से भारतीय वायुसेना के विमान से 9.35 को भोपाल पहुंचेंगे और दोपहर 12 बजे वापस दिल्ली प्रस्थान करेंगे
विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन लगभग 32 वर्षों के बाद विदेश मंत्रालय भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार के सहयोग से हो रहा है। विश्व हिंदी सम्मेलन में अनेक समानांतर सत्र होंगे, जिनमें भारत के लिए ऐसे अनेक विषय हैं जिन परकरीब 39 देशों तथा भारत के कोने-कोने से करीब 2500 से अधिक हिन्दी-प्रेमी हिन्दी को और आगे बढ़ाने की दिशा में चिंतन, मंथन करेंगे। 
 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश-विदेश से आए हिन्दी-प्रेमियों का मध्यप्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक स्वागत किया है।  चौहान ने कहा कि विश्व हिन्दी सम्मेलन के आतिथ्य का अवसर मिलना उनका परम सौभाग्य है। 
 
चौहान के अनुसार हिन्दी अपनी अंतर्निहित शक्ति से दुनिया भर में तेजी से प्रसारित और लोकप्रिय हो रही है। दुनिया के 22 देशों में करोड़ों लोग हिन्दी का प्रयोग करते हैं। संसार के 150 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिन्दी के पठन-पाठन की व्यवस्था है। वर्धा में अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय स्थापित है। मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना हो चुकी है। हमारे देश में 70 प्रतिशत से अधिक लोग हिन्दी समझते हैं।
        
उन्होने कहा कि जिन राज्यों में गलत फहमी के कारण पहले हिन्दी का प्रबल विरोध होता था, वहां भी आज हिन्दी अपनी जगह बनाते हुए अधिकाधिक स्वीकार्य होती जा रही है। हिन्दी में विभिन्न भाषा-भाषी प्रांतों तथा समुदायों को एकता के सूत्र में पिरोने की अदभुत क्षमता है। नागपुर में प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन की अध्यक्षता मराठी भाषी अनंत गोपाल शेवड़े ने की। हिन्दी के सबसे प्रबल पक्षधर महात्मा गाँधी थे। हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने का पहला आह्वान करने वाले महान कवि नर्मदाशंकर नर्मद भी गुजरात की माटी के ही पुत्र थे।
 
उन्होने कहा कि साहित्य में तो हिन्दी ने बहुत ऊंचाइयों को छू लिया है लेकिन राजकाज में इसका अभी वांछित प्रयोग नहीं हो पा रहा। भोपाल में हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना की है। राजकाज में हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग किया जा रहा है। हमारे लगभग सभी विभागों की वेबसाइट हिन्दी में भी हैं। 
 
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के लिए पूरा सॉफ्टवेयर हिन्दी में तैयार किया गया है। कम्प्यूटर से किए जाने वाले शासन के सभी कार्यों के लिये प्राक्कलन हिन्दी में बनाए जा रहे हैं। किसानों को सलाह के एसएमएस हिन्दी में भेजे जा रहे हैं। शासकीय नोटशीट पर टीप का अंकन हिन्दी में किया जाता है।
   
चौहान ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि तीन-दिवसीय विश्व हिन्दी सम्मेलन में मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह हमारी राष्ट्रभाषा को और अधिक पुष्पित-पल्लवित करेगा और इसकी सुगंध चारों दिशाओं में और तीव्रता से प्रसारित होगी। 

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