आजादी के 75 वर्ष : कल सुनहरा था, आज चमकीला है, भविष्य भी उजला होगा

भारत आजादी के अपने 75 वर्ष पूरे कर रहा है। यह आजादी हमें बहुत मुश्किलों से हासिल हुई है। इसकी कीमत अनेक गुमनाम देशवासियों ने भी चुकाई है। आजादी के बाद वर्तमान भारत की बात करें तो कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां देश ने हासिल की है। हम यह नहीं कह सकते कि यह काफी है। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए अब भी आखिरी व्यक्ति तक सुविधाएं व संसाधन पहुंचाने के लिए काफी गंभीर प्रयास करने की जरुरत है। 
 
आबादी के लिहाज से विश्व में भारत दूसरे स्थान पर है। इतनी बड़ी संख्या में आबादी के मान से हमारे लिए लोगों के लिए सुविधाएं जुटाना एक बड़ी चुनौती थी। समय के साथ साथ हमारा देश हर चुनौती से निपटने के लिए अब भी काम कर रहा है। 
 
भारत की उपलब्धि की बात करें तो शिक्षा के क्षेत्र में काफी गंभीर प्रयास किए जा रहे है। वर्तमान में भारत की साक्षरता दर करीब 74 प्रतिशत पहुंच चुकी है। खाद्यानों की बात करें तो कृषि में भी काफी अच्छे प्रयास हुए है। वर्तमान में कृषि उत्पादन चार गुना बढ़ चुका है। भारत दाल का सबसे बड़ा उत्पादक व उपभोक्ता राष्ट्र बन गया है। चीनी उत्पादन में दूसरे व कपास में विश्व में तीसरा बड़ा उत्पादक देश भारत बन गया है। आईटी सेक्टर में भी भारत ने काफी उन्नति की है। एक बड़े आईटी हब के रुप में भारत की पहचान होने लगी है।
 
अब हम बात करते है अंतरिक्ष की। भारत ने अपने दम पर अंतरिक्ष कार्यक्रमों में काफी उल्लेखनीय सफलता हासिल कर विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। परमाणु के क्षेत्र में भी भारत ने उपलब्धि हासिल कर विश्व को बता दिया है कि वह किसी से कम नहीं है। पोखरण का परीक्षण से अब तक भारत ने खुद को परमाणु उन्नत राष्ट्रों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। कई बेहतर मिसाइल बनाई है। साथ ही रक्षा क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल की है। भारत में विदेशी मुद्रा भंडार 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। सड़कों, बंदरगाहों के निर्माण से कई मामलों में भारत आत्मनिर्भर बन चुका है। 
 
कोरोना ने पूरे विश्व को परेशान कर दिया तब ऐसे में भारत ने इतनी बड़ी जनसंख्या व सीमित मेडिकल संसाधन के बाद भी लोगों तक वैक्सीन को पहुंचाया और अन्य देशों की मदद भी की। आज भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि पूरे विश्व में आज भारत को वह सम्मान मिल रहा है जिसका वह हकदार है और निश्चित रूप से इसका श्रेय नेतृत्व को जाना चाहिए। 
 
देश इस समय थोड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। मुद्रा बाजार में रुपए की दर तेजी से कम हुई है। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। भारत में कृषि व औद्योगिक कार्यो के लिए जितनी उर्जा की जरुरत है उस मान से उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इसका असर भी देखने को मिलता है। जिस तेजी से देश की जनसंख्या बढ़ रही है( जो कि आज देश की हर समस्या की जड़ है)उस मुकाबले में संसाधन नहीं जुट पा रहे हैं। इसी का अंतर एक बड़ी समस्या को पैदा कर रहा है। इस कारण बेरोजगारी, निर्धनता बढ़ रही है। 
 
जंगलों को तेजी से काटा जा रहा है। जिसके चलते पर्यावरण प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी होता है। भ्रष्टाचार देश की एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आता है। लोगों के विकास के लिए जो योजनाएं बनती है उसका क्रियान्वयन इमानदारी से नहीं हो पाता है, ऐसे में जिन लोगों की मदद की जाना चाहिए वही इससे दूर रह जाते है। भष्टाचार का दंश आम आदमी की कमर तोड़ रहा है। आतंकवाद भी एक बहुत विकराल व गंभीर समस्या है। देश की सुरक्षा व आंतकवादियों से निपटने के लिए काफी पैसा तो खर्च करना ही पड़ता है, साथ ही देश की सुरक्षा को भी खतरा है। 
 
आज जरुरी है कि सिर्फ सरकार ही नहीं देश के विकास के लिए भी लोग सोचें। इसके लिए लोगों को आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभाना होगी। देश में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति भी एक बड़ी परेशानी है। बिजली संकट को देखते हुए इसका जिम्मेदारी पूर्ण रुप से उपयोग करना चाहिए। इसके विकल्प के तौर पर सोलर उर्जा का उपयोग बढ़ाया जा सकता है। पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए भी गंभीर प्रयास की जरुरत है। पेड़ काटने की जगह ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाना चाहिए, ताकि प्रकृति का संतुलन बना रहे। जनसंख्या जिस मान से बढ़ रही है तो जल्द ही हम विश्व में पहले नंबर पर पहुंच जाएंगे। आज देश की जनसंख्या करीब 135 करोड़ है। इतनी बड़ी जनसंख्या को देखते हुए सभी की जरुरतों को पूरा करना व समुचित विकास संभव नहीं है।
 
 देश के विकास में भ्रष्टाचार भी एक बहुत बड़ी बाधा है और इसको जड़ से खत्म करने की जरुरत है। इसके लिए लोगों को गंभीर प्रयास करने होंगे। उन्हें यह तय करना होगा कि चाहे कुछ भी हो जाए वे भ्रष्टाचार का हिस्सा नहीं बनेंगे और दमदारी के साथ इसका विरोध करेंगे।
 
समान नागरिक संहिता लागू करने जैसी कई चुनौतियां अभी हमारे देश के सामने हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह हमारा नेतृत्व इन चुनौतियों का सामना कर रहा है और धीरे ही सही समाधान भी ढूंढ रहा है.. तो हम ये विश्वास कर सकते हैं कि हमारा राष्ट्र निश्चित रूप से विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर होगा। संकल्प हम सभी को लेना होगा कि अपने स्तर पर हम राष्ट्र सेवा में कोई कसर न छोड़ें। यदि हमारे देश की जनसंख्या अधिक है तो वही हमारी ताकत बने। निश्चित रूप से बूंद बूंद से ही घड़ा भरता है। तो हम नागरिक छोटी सी इकाई के तौर पर ही राष्ट्र के प्रति निष्ठा का संकल्प लें। याद रखिए देश की सेवा के लिए वर्दी ही अनिवार्य नहीं है हम सब नागरिक भी बिना वर्दी के सैनिक हैं।
 
कल हमारा सुनहरा था, आज हमारा चमकीला है और यकीनन भविष्य भी उजला होगा... जरूरत है हर नागरिक अपने आपको देश का सच्चा सैनिक माने ...   

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