स्वतंत्रता के बाद अहिल्या नगरी इंदौर को यूं तो कई महापौर मिले, लेकिन पुष्यमित्र भार्गव के रूप में पहली बार युवा और ऊर्जावान महापौर मिला है। वक्तृत्व कौशल के धनी भार्गव विधिवेत्ता भी हैं। इंदौर के विकास को लेकर 40 वर्षीय पुष्यमित्र के मन में कई योजनाएं हैं, जिन पर वे प्राथमिकता के आधार पर काम करना चाहते हैं। इंदौर के विकास से जुड़े मुद्दों पर उन्होंने वेबदुनिया के सवालों के बहुत ही सहजता से जवाब दिए।
आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़े प्रश्न के जवाब में भार्गव ने कहा कि 75 सालों की यात्रा की बात करें तो इंदौर ने विकास की गति के अलग-अलग आयाम गढ़े हैं। शहर अपनी गौरवशाली परंपरा को आज भी बरकरार रखे हुए है। यहां के लोग धर्मप्रेमी हैं, उत्सव प्रेमी हैं। कोई भी व्यक्ति इंदौर आता है तो फिर वह यहीं का होकर रह जाता है। इंदौर ने ऐसे लोग भी दिए हैं, जिन्होंने देश और दुनिया में शहर का नाम रोशन किया है। यहां सभी मामलों में जनभागीदारी उच्च स्तर पर देखने को मिलती है। यही कारण है कि इंदौर शहर लगातार स्वच्छता के मामले में नंबर वन बना हुआ है।
बनाएंगे 100 अहिल्या वन : महापौर भार्गव ने कहा कि इंदौर स्वच्छता में लगातार 5 बार पहला स्थान हासिल कर चुका है। अब हमारी प्राथमिकता में ग्रीन इंदौर भी है। हालांकि इंदौर की जनता ने इस दिशा में पहले से ही प्रयास शुरू कर दिए हैं। शहर में कई बड़े और विकसित बगीचे हैं। हम इस दिशा में और अधिक काम करने की योजना बना रहे हैं। वृक्षारोपण के माध्यम से शहर की प्राणवायु को और अधिक स्वच्छ बनाने का काम करेंगे। शहर के आसपास हरियाली को बढ़ावा देने के लिए 100 अहिल्या वनों का निर्माण करेंगे।