काफी समय पहले अश्वाहन नामक एक राजा हुआ करते थे। राजा धर्मात्मा और कीर्तिवान थे। उनके राज्य में प्रजा सुखी रहती थी। काशी राजा की पुत्री मदनमंजरी उनकी पत्नी थी। वह भी अत्यंत सुंदर ओर गृहकार्य में निपुण थी। पति का हित चाहने वाली व धर्मात्मा थी। पूर्व कर्म के कारण वह दुर्भगा थी। राजा अश्वाहन को वह प्रिय नहीं थी। रानी के स्पर्श मात्र से राजा का शरीर जलने लगता था।