सुरक्षा बलों ने खोए बेहतरीन जवान

वर्ष 2008 में हुए आतंकवादी हमलों ने न केवल देश को हिलाकर रख दिया, बल्कि सुरक्षा बलों खासकर राजधानी दिल्ली और आर्थिक केंद्र मुंबई दोनों के ही पुलिस बल को गहरी क्षति भी पहुँचाई। दोनों ही शहरों ने अपने कुछ बेहद जाँबाज अधिकारी गँवाए।

मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में एनएसजी के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन तथा एक कमांडो गजेन्द्रसिंह शहीद हो गए।

इसरो के अवकाश प्राप्त अधिकारी के. उन्नीकृष्णन के एकमात्र पुत्र मेजर उन्नीकृष्णन का जन्म 15 मार्च 1977 को हुआ था। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हुए और उसके बाद 1999 में सेना के सदस्य बने।

मुंबई के ऐतिहासिक ताज होटल को आतंकवादियों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए चलाए गए अभियान में एनएसजी के एक घायल कमांडो को बचाने के लिए आगे बढ़े संदीप आतंकवादियों की गोलियों के शिकार हो गए।

इस साल मुंबई के पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे, विजय सालस्कर और अशोक कामटे मुंबई हमलों में शहीद हो गए तो दिल्ली पुलिस के अधिकारी राजबीरसिंह और मोहनचंद शर्मा को अलग-अलग घटनाओं में जान गँवाना पड़ी।

दिल्ली पुलिस को इस साल पहला बड़ा झटका तब लगा जब उसके मुठभेड़ विशेषज्ञ राजबीरसिंह को इस साल मार्च में गुड़गाँव में कथित तौर पर एक प्रॉपर्टी डीलर ने गोली मार दी।

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