वर्ष 2016 : भारत की 10 बड़ी घटनाएं...

इस वर्ष को बनाने में हालांकि 365 ही दिन लगे लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिसका महत्व और असर दूरगामी होता है और इन्हें एक निश्चित कालखंड की महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल किया जाता है। ये घटनाएं महत्वपूर्ण इसलिए होती हैं, क्योंकि इन्हें इस युग या काल की युग चेतना या काल की प्रचलित रीति माना जाता है। 
भारत में नोटबंदी का असर : वर्ष 2016 में 8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि रात 12 बजे के बाद से भारत में चलने वाले 500 और 1,000 रुपए के नोट कागज के टुकड़ों में बदल जाएंगे, क्योंकि इनका कोई कानूनी महत्व नहीं रहेगा। इस घटना ने भारत को कई तरह से प्रभावित किया है और इसका असर तो आगामी कई वर्षों तक महसूस किया जाएगा ही, साथ ही समाज व देश में एक बड़े बदलाव की शुरुआत होगी। लेकिन अगर यह परिवर्तन धीरे-धीरे होता तो इस पर गौर नहीं किया जाता है लेकिन अगर कोई बड़ा परिवर्तन एकाएक होता है तो यह बहुत से लोगों के लिए जीवन-मरण का प्रश्न बन जाता है। 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री ने सारे देश में बड़े मूल्य के नोटों के प्रचलन पर रोक लगाई तो इससे पता नहीं कितनी शादियां टूटीं, कितने लोगों को कितनी तरह से प्रभावित होना पड़ा और 70 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो गई। रिजर्व बैंक से इन नोटों के बदले नए 500 और 2,000 मूल्य के नोटों की भरपाई करने को कहा गया है लेकिन इसके क्रियान्वयन में आई कुछ खामियों के कारण 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। सरकार देश में कैशलेस अर्थव्यवस्था को खड़ा करना चाहती है। 
 
 
 

जयललिता का निधन :  अन्नाद्रमुक नेता और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता का 6 दिसंबर 2016 की रात निधन हो गया। इससे पहले फैफड़ों में संक्रमण के कारण उन्हें मध्य सितंबर में चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे 68 वर्ष की थीं। राज्य में उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया सकता है कि जितने लोगों ने नोटबंदी की परेशानियों के चलते प्राण गंवाए, उससे ज्यादा लोग (करीब 200 से ज्यादा) अम्मा से अपना बिछड़ना न सहन कर सके। उनकी लोकप्रियता यह बताती है कि अगर लोगों को यह भरोसा हो जाए कि आप उनका भला करने वाले हैं तो वे आपकी बड़ी से बड़ी खामियों को भी नजरअंदाज कर सकते हैं। 
इसके पहले उन्होंने 4 बार आम चुनावों में जीत हासिल की और अदालती कार्रवाई के चलते 2 बार उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा और दोनों ही बार उनके खास मंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला। जयललिता अपनी 'रॉबिनहुड' इमेज के चलते ही तमिलनाडु जैसे विकसित राज्य में 6 बार मुख्यमंत्री रहीं। राज्य की महिलाओं को उनके भ्रष्टाचार के मुकदमों या अनुपातहीन संपत्ति से कोई लेना-देना नहीं था, उन्हें सिर्फ इस बात का भरोसा था कि उनका भला करने के लिए 'अम्मा' मौजूद हैं। अम्मा ने भी इन प्रशंसकों को कभी निराश भी नहीं किया।
 

भारतीय सेना का पोओके में लक्षित हमला : 30 सितंबर 2016 की रात भारतीय सेना के जवानों ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की सीमा में घुसकर जिस तरह से आतंकवादी कैंपों को तबाह किया है उससे भारतीयों का मनोबल बढ़ा है। सेना की इस पहल से साबित हो गया कि हमारी सेना मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है। 
 
वर्ष के सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसपैठ करने के लिए डेरा डाले 200 से ज्यादा उग्रवादियों के खिलाफ लक्षित हमला किया लेकिन पाकिस्तान ने ऐसी किसी बात से इंकार ही कर दिया। सेना के इस ऑपरेशन के चलते 7 आतंकी शिविर नष्ट हो गए और शिविरों में रह रहे 24 आतंकी शिविरों के जिहादियों को आईएसआई की मदद से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। हमले से पहले शिविरों में जैश, हिज्बुल और लश्कर के आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे थे लेकिन इस एकाएक हमले से उनमें भगदड़ पैदा हो गई और पाक सेना ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पुख्ता सबूत के तौर पर सेना ने हमले का वीडियो भी बनाया और इसकी सूचना पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल, मिलिटरी ऑपरेशंस) को दी। हालांकि पाक सेना ने इस बात से इंकार किया और कहा कि उसकी सीमा के भीतर किसी प्रकार का कोई लक्षित हमला नहीं हुआ। 
 
 

पुखरायां (कानपुर) ट्रेन दुर्घटना में 140 यात्री मरे
 
मध्यप्रदेश के इंदौर से बिहार की राजधानी पटना जा रही इंदौर-पटना एक्‍सप्रेस ट्रेन (19321) रविवार तड़के 20 नवंबर को कानपुर के पास पुखरायां स्टेशन पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 140 हो गई और साथ ही इस हादसे में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घायलों को कानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि इस हादसे में अब तक 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। 
 
अब देश के लोगों को सोचना होगा कि बुलेट ट्रेन (सुपरफास्ट ट्रेन) से ज्यादा जरूरी सुपरसेफ ट्रेन ज्यादा जरूरी है, क्योंकि जिन ट्रेनों में बैठकर यात्री अपने गंतव्य तक सुरक्षित ही न पहुंच सके, ऐसी सेवा का कोई लाभ नहीं है। इन चलते-फिरते-दौड़ते ताबूतों से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है, क्योंकि ऐसी दुर्घटनाओं में मानवीय भूल और मशीनी गलती- दोनों ही शामिल होती हैं जिसका खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ता है, जो कि संयोग से ऐसे वाहनों में सवार होते हैं। 
 
 

जीएसटी संसद में पास, क्रियान्वयन का प्रश्न  :  देश में आर्थिक उदारीकरण के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) राज्यसभा के बाद लोकसभा की मंजूरी के साथ 9 अगस्त 2016 को पास हो गया। सोमवार को राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी जीएसटी संशोधनों को हरी झंडी मिल गई। राज्यसभा इसे पहले ही पास कर चुकी है। अब अप्रैल 2017 से इसके क्रियान्वयन का अहम काम शुरू होगा, क्योंकि इसके लागू होने के बाद सारे देश में एक जैसा कानून लागू हो जाएगा जिसका लाभ समाज के सभी वर्गों और लोगों को मिलेगा। 
 

पाक आतंकवादियों के पठानकोट, उड़ी और नगरौटा बेस पर हमले : इस साल की शुरुआत में 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हुए पाक आतंकी हमले में 7 जवान शहीद हो गए थे। इस बात के पक्के सबूत मिले कि इस हमले की साजिश पाकिस्तानी आतंकवादियों ने रची थी। ठीक इसी तरह जम्मू-कश्मीर के उड़ी सैन्य शिविर पर आतंकवादियों ने हमला करके 17 सैनिकों की हत्या कर दी और 19 सैनिकों को घायल कर दिया। यह हमला इस लिहाज से भी भीषण है, क्योंकि उड़ी नियंत्रण रेखा के पास स्थित है। यह सब 4 फिदायीनों का काम था। 26 नवंबर 2016 को नगरोटा शिविर पर हमले में 7 सैन्यकर्मी शहीद हुए जिनमें से 2 मेजर रैंक के अधिकारी शामिल थे। बारंबार होने वाले हमलों से यह बात साबित होती है कि पाकिस्तान की सेना, उग्रवादी संगठन और खुफिया एजेंसी हमें लगातार किसी न किसी हमले में उलझाए रखना चाहती है लेकिन इन सबका दुखद पहलू यह है कि हम पाकिस्तान के खिलाफ किसी प्रकार की निर्णायक कार्रवाई में यकीन नहीं रखते हैं। 
 
 

'मंगल यान' और इसरो की उपलब्धियां  : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का उपग्रह मंगल यान मंगल ग्रह की अंडाकार कक्षा में सफलतापूर्वक सक्रिय है। यह भारत के अंतरिक्ष शोध में एक कालजयी घटना है। इस अभियान की कामयाबी से भारत ऐसा देश बन गया है जिसने एक ही प्रयास में अपना अभियान पूरा कर लिया। भारत के मंगल अभियान का निर्णायक चरण 24 सितंबर 2016 को सुबह यान को धीमा करने के साथ ही शुरू हो गया था। इस मिशन की सफलता उन 24 मिनटों पर निर्भर थी जिस दौरान यान में मौजूद इंजन को चालू किया गया। इस वर्ष के दौरान देश ने वैज्ञानिक उपलब्धियों का नया इतिहास लिखा है और दुनिया को बता दिया है कि सीमित संसाधनों में भी भारतीय मेधा चमत्कार करने में माहिर है। इसरो ने भारत का प्रथम स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 अंतरिक्ष में भेजा था। इस प्रक्षेपण यान का शुभारंभ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 18 जुलाई 1980 में किया गया था और राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम एसएलवी-3 के परियोजना निदेशक थे। 
 
चन्द्रमा के लिए भारत का पहला मिशन चन्द्र यान-I 22 अक्टूबर 2008 को शुरू किया गया। चन्द्रयान-I को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C11 के द्वारा सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था। 'मार्स ऑर्बिटर मिशन- मंगल यान' 5 नवंबर 2013 को लांच हुआ था, जो कि 6,660 लाख किलोमीटर की यात्रा करके 24 सितंबर 2014 को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह में प्रवेश कर गया। भारत ने अपना खुद का जीपीएस सिस्टम स्थापित करने के लिए अप्रैल 2016 में सफलतापूर्वक अपने GPS Satellite NAVIK को लांच किया है। पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान (आरएलवी) को लांच करने के साथ इसने जून 2016 में इसरो ने एक ही रॉकेट से 20 सैटेलाइट्स लांच करके एक नया कीर्तिमान रच दिया। 
 
दिसंबर 2014 में इसरो ने अपने सबसे भारी रॉकेट में से एक जीएसएलवी एमके-III का परिक्षण किया। इसका वजन 630 टन है और यह 4 टन वजन ले जाने में सक्षम है। यह अपने साथ भारत में बने मानवरहित चालक दल के कैप्सूल को भी ले गया, जो 3 अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण परीक्षण था। 
 
 

देश में सिंहस्थ का आयोजन  : भारत में इसी वर्ष 22 अप्रैल से 21 मई 2016 तक सिंहस्थ 2016 का आयोजन किया गया, जो कि यह सिद्ध करता है कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति की जड़ें इतनी गहरी हैं कि इन्हें समाप्त करना दुनिया के किसी भी राजनीतिक संगठन, धार्मिक माफियाओं के बस की बात नहीं है और इसी कारण दुनिया से करोड़ों लोग एक ऐसे पवित्र स्थान पर आ जुटते हैं कि किसी को भी बुलाने की जरूरत नहीं पड़ती। संभवत: इसी कारण से यह देश उन महान पुरुषों की कर्मस्थली रही है जिन्हें हम ईश्वर का दर्जा देते हैं। अंत में हम आपसे जानना चाहेंगे कि उपरोक्त में से कौन भी घटना सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण है।

बुरहान वानी की मौत : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को उस समय करारा झटका लगा जब सुरक्षा बलों ने आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रमुख चेहरा बन चुके 21 साल के बुरहान मुजफ्फर वानी और उसके दो साथियों को एक मुठभेड़ में मार गिराया। बुरहान वानी के बाद कश्मीर में हुई हिंसा में करीब 150 लोगों की मौत हो गई। बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में 100 दिन से ज्यादा अशांति रही। 
 
मदर टेरेसा वैटिकन में 'संत' बनीं : भारत को अपना जीवन समर्पित करने वाली सिस्टर टेरेसा और मदर टेरेसा को वैटिकन में पोप फ्रांसिस ने 416 वर्ष पुराने नियम के बाद संत घोषित किया और वे कैथोलिक ईसाइयों के लिए सारी दुनिया में आदरणीय बन गईं, हालांकि भारत तो उन्हें पहले से ही भारतरत्न घोषित कर चुका था लेकिन 6 सितंबर 2016 को ईसाई परंपराओं के अनुसार विश्व के प्रमुख लोगों की मौजूदगी में वैटिकन ने मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किया। इस समारोह में 13 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा भारतीय प्रतिनिधि भी मौजूद थे। 

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