इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इस साल पनामा पेपर मामले को लेकर नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के साथ राजनीतिक हालात नाजुक बने रहे और साथ ही दूसरी तरफ भारत-पाकिस्तान संबंध और खराब हो गए। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई, क्योंकि दोनों ने ही इसे प्राथमिकता नहीं दी।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ. मौहम्मद फैसल ने दावा किया कि पाकिस्तान, भारत के साथ बातचीत बहाल करना चाहता है लेकिन भारत किसी न किसी बहाने से इससे भागता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की जिद हमारे वार्ता बहाल न कर पाने की मुख्य वजह है। भारत दोषी है, हम नहीं। हम हर चीज के बारे में बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन वे आगे नहीं आ रहे और केवल आरोप लगा रहे हैं।
संबंध तब और बिगड़ गए, जब मई में पाकिस्तानी सेना की विशेष बल टीम नियंत्रण रेखा में 250 मीटर अंदर घुस गई और 2 भारतीय सुरक्षाकर्मियों का सिर काट दिया। भारत ने जवाब में नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी चौकियों पर गोलीबारी की जिससे वहां कुछ नुकसान हुआ।
प्रवक्ता ने कहा कि इस साल 1,300 से ज्यादा बार संघर्षविराम का उल्लंघन होने और उसमें 54 नागरिकों के मारे जाने के बाद विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपने भारतीय समकक्ष को एक पत्र लिखकर भारत से नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने की अपील की। (भाषा)