रिपोर्ट के अनुसार मुद्रास्फीति दबाव बढ़ने तथा तेल की ऊंची कीमत को देखते हुए मौद्रिक नीति को कड़ा किए जाने की संभावना है। इसके अलावा 6 दिसंबर को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्योरे से पता चलता है कि अधिकतर सदस्यों ने मुद्रास्फीति के बढ़ने के जोखिम को लेकर आशंका जताई और नीतिगत दर को यथावत रखा।