आरती श्री कृष्ण कन्हैया की | aarti shri krishna kanhaiya ki
आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की,
कटि काछनि, कर मुरलि विराजै,
पूर्ण सरद ससि मुख लखि लाजै,
सर्वभूत-हिय-बसवैयाकी।।.....आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की।।
कहुं रन चढ़ै भागि कहुं जावै,
कहुं नृप कर, कहुं गाय चरावै,
कहुं जागेस, बेद जस गावै,
जग नचाय ब्रज-नचवैयाकी।।.....आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की।।
'दामोदर' सब बिधि बलिहारी,
बिप्र-धेनु-सुर-रखवैयाकी।।.....आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की।।