आरती श्री राधा कृष्ण जी की | aarti shri radha krishna ji ki 
 
				
											Radha Krishan Aarti:  भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा की संयुक्त आरतियां बहुत है। कई कृष्ण भक्तों ने उनकी आरतियों की रचना की है। उन्हीं आरतियों में से एक सुंदर सी आरती आप यहां पढ़ सकते हैं। जब भी आप श्रीराधा की पूजा करें तो पूजा के बाद और कोई आरती नहीं याद हो तो इस आरती का गान करें। श्रीराधा बहुत प्रसन्न होंगी और आपको आशीर्वाद देंगी। 
	 
 
									
				
											
	 
	भगवान श्री राधा कृष्ण जी की आरती | Aarti of Lord Shri Radha Krishna 
	 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	चंद्रमुखी चंचल चितचोरी। (राधा) 
 
									
				
											
	सुघर सांवरा सूरत भोरी। (कृष्ण) 
	श्यामा-श्याम एक-सी जोरी।(राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	पंचरंग चूनर केसर न्यारी। (राधा) 
 
									
				
											
	पट पीतांबर कामर कारी। (कृष्ण) 
	एकरूप अनुपम छबि प्यारी (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	चंद्र-चंद्रिका चमचम चमकै। (राधा) 
 
									
				
											
	मोर मुकुट सिर दमदम दमकै। (कृष्ण) 
	युगल-प्रेम रस झमझम झमकै (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	कस्तूरी कुंकुम जुत बिंदा। (राधा) 
 
									
				
											
	चंदन चारु तिलक ब्रज चंदा। (कृष्ण) 
	सुहृद-लाड़ली लाल सुनंदा। (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	घूंमघुमारो घांघर सोहै। (राधा) 
 
									
				
											
	कटिकछनी कमलापति सोहै। (कृष्ण) 
	कमलासन सुर-मुनि-मन मोहै। (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	रत्नजटित आभूषण सुंदर। (राधा) 
 
									
				
											
	कौस्तुभमणि कमलांकित नटवर। (कृष्ण) 
	रणत्क्वणत् मुरली-ध्वनि मनहर। (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	मंद हंसन मतवारे नैना। (राधा) 
 
									
				
											
	मनमोहन मन हारे सैना। (कृष्ण) 
	मृदु मुसुकावनि मीठे बैना। (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	श्रीराधा भव-बाधा-हारी। (राधा) 
 
									
				
											
	संकट-मोचन कृष्ण मुरारी। (कृष्ण) 
	एक शक्ति, एकहि आधारी। (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	जगज्ज्योति जगजननी माता। (राधा) 
 
									
				
											
	जगजीवन, जग-पितु जग-दाता।। (कृष्ण) 
	जगदाधार, जगद्विख्याता। (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	राधा राधा कृष्ण कन्हैया। (राधा) 
 
									
				
											
	भव-भय सागर पार लगैया। (कृष्ण) 
	मंगल-मूरति, मोक्ष-करैया। (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	सर्वेश्वरी सर्व-दुख-दाहन। (राधा) 
 
									
				
											
	त्रिभुवनपति, त्रयताप-नसावन।। (कृष्ण) 
	परम देवि, परमेश्वर पावन। (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	 
	त्रिसमय युगलचरण चित ध्यावै। (राधा) 
 
									
				
											
	सो नर जगत परमपद पावै। (कृष्ण) 
	राधाकृष्ण 'छैल' मन भावै। (राधाकृष्ण) 
 
									
				
											
	 
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	ॐ जय श्रीराधा, जय श्रीकृष्ण, 
 
									
				
											
	श्रीराधाकृष्णाय नम:।। 
	----------समाप्त---------- 
 
									
  
	
	
   
	
   
		
		
		 
		 
				
		
		
				
			
				
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