Holika Dahan Aarti: होलिका दहन पर पूजा के दौरान तीन आरती गायी जाती है। पहली श्री राधा रानी की, दूसरी नृसिंह भगवान की आरती और तीसरी श्री कृष्ण की आरती यानी आरती कुंजबिहारी की, की आरती का गान किया जाता है।
1. नृसिंह भगवान की आरती | Aarti of Lord Narasimha:
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की।
वेद विमल यश गाऊं मेरे प्रभुजी।।
पहली आरती प्रह्लाद उबारे,
हिरणाकुश नख उदर विदारे।
दूसरी आरती वामन सेवा,
बलि के द्वार पधारे हरि देवा।
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की।
तीसरी आरती ब्रह्म पधारे,
सहसबाहु के भुजा उखारे।
चौथी आरती असुर संहारे,
भक्त विभीषण लंक पधारे।
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की।
पांचवीं आरती कंस पछारे,
गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले।
तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा,
हरषि-निरखि गावें दास कबीरा।
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की।
वेद विमल यश गाऊं मेरे प्रभुजी।।
2. श्री राधाजी की आरती | Shri Radha Ji ki Aarti
आरती राधाजी की कीजै। टेक...
कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करे जिन पर विश्वासा।
आरती वृषभानु लली की कीजै। आरती...
कृष्णचन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई।
उस शक्ति की आरती कीजै। आरती...
नंद पुत्र से प्रीति बढ़ाई, यमुना तट पर रास रचाई।
आरती रास रसाई की कीजै। आरती...
प्रेम राह जिनसे बतलाई, निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई।
आरती राधाजी की कीजै। आरती...
दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती।
आरती दु:ख हरणीजी की कीजै। आरती...
दुनिया की जो जननी कहावे, निज पुत्रों की धीर बंधावे।