भगवान परशुराम श्रीहरि विष्णु के दशावतार में छठे अवतार माने जाते हैं। शस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता सिर्फ और सिर्फ भगवान परशुराम ही माने जाते हैं। क्रोध और दानशीलता में भगवान परशुराम का कोई सानी नहीं है। वे परम शिवभक्त थे। भगवान शिव ने उन्हें मृत्युलोक के कल्याणार्थ परशु अस्त्र प्रदान किया जिससे वे परशुराम कहलाए।
25 अप्रैल को परशुराम जयंती और 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन सर्वकामना की सिद्धि हेतु इन मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए।