युवा सर्वे : महँगाई पर बजट का तड़का

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पिछले कुछ वर्षों से महँगाई की मार झेल रही जनता के लिए प्रणब दा का बजट मुसीबतों की गाज बनकर आया है। सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्‌यूटी में बढ़ोतरी के बाद अब वित्त मंत्री का पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढ़ाने का संकेत जनता के लिए मुसीबतों का नया आगाज बन गया है। इधर बजट और उधर योजना आयोग कि यह रिपोर्ट कि गाँवों में 672.80 रुपए तथा शहरों में 859.60 रुपए प्रतिमाह खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है, इस बहस को और अधिक तूल दे रही है। आइए जानते हैं कि शहर के युवाओं का इस बारे में क्या कहना है-

प्र. क्या आप वर्ष 2012-13 के आम बजट से संतुष्ट हैं?
हाँ 06
नहीं 44

प्र. क्या आपके अनुसार रोजाना 28.65 रुपए खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब है?
हाँ 48
नहीं 02

प्र. क्या आपको लगता है कि डीजल, पेट्रोल और एलपीजी के दाम अब बढाने की बजाय कम किए जाना चाहिए?
हाँ 50
नहीं 0

प्र. क्या मुकुल रॉय दिनेश त्रिवेदी की अपेक्षा बेहतर रेल मंत्री सिद्घ होंगे?
हाँ 12
नहीं 38

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