सांसों की गहराई में छुपा,
शांति का प्यारा साज है योग।
तन-मन को जो साध ले,
वो अनुपम इलाज है योग।।
भीतर के तूफ़ानों से लड़ना,
बाहर की दौड़ से हटना,
स्वयं से मिलकर मुस्कुराना,
यही तो है असली तपना।
हर पीड़ा का सहज प्रतिकार,
सत्य, सयंम, संवाद है योग।।
तन स्वस्थ, मन शांत रहे,
जीवन बने पुनः पवित्र।
इस व्यस्त भरी दुनिया में,
सच्चा विराम-व्यास है योग।।