लिव इन रिलेशनशिप के बाद अब समलैंगिकता को भी कानून की हरी झंडी मिल गई है। एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को कानूनी मान्यता देकर चोरी-चुपके इस रिश्ते को जीने वाले समलैंगिकों को इस रिश्ते का गेट पास थमा दिया है। सामाजिक मान्यताओं के विरुद्ध माने जाने वाले इस रिश्ते को लेकर सालों से चर्चा के गलियारे गर्म रहे हैं। इसी विषय पर हमने बात की शहर के 50 युवाओं से और जानें उनके विचार-
क्या आपके अनुसार समलैंगिकता सामाजिक व्यवस्था व प्रकृति विरुद्ध है? हाँ 19 नहीं 31
समलैंगिकता को कानूनी मान्यता देना क्या सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला है? हाँ 28 नहीं 22
क्या समाज इस तरह के संबंधों को खुले तौर पर स्वीकार कर पाएगा? हाँ 8 नहीं 42
क्या आपके अनुसार सरोगेसी और टेस्ट ट्यूब बेबी भी प्राकृतिक व्यवस्था के खिलाफ है? हाँ 16 नहीं 34