लीजिए नौकरियाँ ही नौकरियाँ

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एक बिरहामन ने कहा है कि ये साल अच्छा है। अपने समय के बड़े शायर भी यह दिलासा देते रहे हैं कि यह साल अच्छा है। उम्मीद करना चाहिए और ग्लोबल हंट की बात पर यकीन किया जाए तो यह खबर सचमुच खुशखबर है कि देश की कंपनियाँ 5 लाख नौकरियाँ देंगी। यही नहीं, जो नौकरी कर रहे हैं, उनकी वेतनवृद्धि भी अच्छी होगी।

इसमें कोई दो मत नहीं कि बेरोजगारी ने युवाओं की कमर तोड़ कर रख दी थी, लेकिन इस खबर से इन युवाओं में आशा की लहर दौड़ गई है कि उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे और यह सब ऐसे समय में हो रहा है, जब पूरी दुनिया मंदी की मार से कराह रही है।

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