दुनिया की बेहतर तस्वीर के लिए तनी मुट्ठियाँ

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युवा की रगों में दौड़ता खून स्वाभाविक रूप से गर्म होता है और उसके खून की यह गर्माहट दुनिया में बेहतर हालात के लिए जद्दोजहद करती है। यही कारण है कि जहाँ भी बदलाव की बयार बहती दिखाई देती है, वहाँ युवा की मुट्ठियाँ तनी दिखाई देती हैं। इन तनी मुट्ठियों में वह ताकत छिपी होती है, जो ताकतवर से ताकतवर अन्यायी सत्ता को बेदखल कर एक बेहतर दुनिया की तस्वीर बनाती है।

दुनिया के किसी भी कोने में संघर्षरत युवा एक बेहतर दुनिया का स्वप्न देखते हैं। एक युवा का जज्बे से भरा दिल परिवर्तन करने की ताकत रखता है। पिछले कुछ समय में यह बात पूरी दुनिया महसूस कर चुकी है कि जब भी युवाओं ने बदलाव के लिए सड़कों-गलियों पर आकर प्रदर्शन किया, सत्ता के ताज हिलने लगे हैं, लेकिन कहीं-कहीं युवा एक विचारधारा के संचालित होकर ही परिवर्तन चाहते हैं और कहना चाहिए ये परिवर्तन ज्यादा दूरगामी होते हैं।

ऐसे ही युवाओं का एक ग्रुप है यूथ फॉर इंटरनेशनल सोशलिज्म। इस ग्रुप के युवा और वर्कर्स पूँजीवाद के खात्मे के लिए और डेमोक्रेटिक सोशलिज्म के लिए काम करते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि यह ग्रुप महान चिंतक कार्ल मार्क्स से वैचारिक ताकत हासिल करता है। इसी आधार पर दुनिया में अपने कार्यक्रमों को संचालित करता है।

इस ग्रुप की वर्ल्ड वाइल लिंक्स हैं, लेकिन यह अन्य ग्रुप्स के साथ मिलकर हाथ में हाथ लेकर कार्ल मार्क्स, एंगेल्स, लेनिन और ट्राटस्की की ट्रेडिशन में काम करता है। ये अपनी एक्टिविटीज में एक कॉमन गोल के लिए मार्क्स के सिद्धांतों का पालन करते हैं। ये स्ट्राइक, यूनियम रिप्रेजेंटेशन, ट्रेड यूनियन डेमोक्रेसी और श्रमिकों के लिए काम करता है। यही नहीं, मुफ्त और गुणात्मक शिक्षा, सेहत, सबके लिए समान अधिकार, पब्लिक स्कूल और कॉलेजों के फंड के लिए संघर्ष करता है।

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