हमारी बॉडी लैंग्वेज से हमारे व्यक्तित्व के बारे में पता लग जाता है। हमारे मन एवं मस्तिष्क में सोच, विचार, स्वभाव, व्यक्तित्व, अंत:करण, मित्रता, शत्रुता, दुख, सुख, संयम, परिश्रम की मिली-जुली स्थितियां निर्मित होती हैं, जिनकी अभिव्यक्ति हमारे बाह्य शारीरिक अंगों से प्रदर्शित क्रिया से पता चलती है। हस्ताक्षर भी मस्तिष्क के आदेश से ही अंगुलियों द्वारा संपादित होता है। इस वजह से इस माध्यम से व्यक्ति मनोवृत्ति का पता लगाया जा सकता है।
महर्षि पाराशर ने लघु ग्रंथ 'धीप्र' में अक्षरों के स्वरूप से उनकी भाषा को स्पष्ट किया हैं। इसे सरल शब्दों में कह सकते हैं कि आपके अक्षर आपके अपने बारे में क्या कहते हैं, यह उन्होंने विस्तार से समझाया है। फ्रांस के विद्वान मिंको ने भी इस विधा पर विशेष अध्ययन किया है। आइए जाने व्यक्ति के हस्ताक्षर से उसके स्वभाव के बारे में -
1. जिस व्यक्ति के सिग्नेचर में अक्षर नीचे से ऊपर की ओर जाते हैं तो वह ईश्वर पर आस्था रखने एवं आशावादी होता है।
2. ऊपर से नीचे की ओर सिग्नेचर करने वाले नकारात्मक विचारों वाले एवं अव्यावहारिक होते हैं। इनकी मित्रता कम लोगों से रहती है।
3. सरल रेखा में हस्ताक्षर करने वाले सरल स्वभाव और साफ दिल के रहते हैं, लेकिन इनका स्वभाव तार्किक रहता है।
4. अंत में डॉट या डेश लगाने वाले व्यक्ति डरपोक, शंकालु प्रवृत्ति के होते हैं।
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5. पेन पर जोर देकर लिखने वाले भावुक, उत्तेजक, हठी और स्पष्टवादी होते हैं।
6. बिना पेन उठाए एक ही बार में पूरा शब्द लिखने वाले रहस्यवादी, गुप्त प्रवृत्ति एवं वाद-विवादकर्ता होते हैं।
7. अवरोधक चिह्न लगाने वाले व्यक्ति कुंठाग्रस्त, सामाजिकता व नैतिकता की देते हैं एवं आलसी प्रवृत्ति के होते हैं।
8. जल्दी से हस्ताक्षर करने वाले कार्य को गति से हल करने व तीव्र तात्कालिक बुद्धि वाले होते हैं।
9. शिरो रेखा से हस्ताक्षर जागरूक, सजग एवं बुद्धि का सही उपयोग करने वाले होते हैं।
10. स्पष्ट सिग्नेचर करने वाले खुले मन के, विचारवान तथा पारदर्शी प्रवृत्ति कार्य करने वाले होते हैं।