आस्था से खिलवाड़ करते भक्ति मैसेज-2

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धार्मिकता का माखौल उड़ाते यह भक्ति मैसेज मजाक का पर्याय बन रहे हैं। अपने फायदे या फिर लाभ के लिए इनका इस्तेमाल करने से युवा वर्ग बाज नहीं आ रहा हैं। खास बात यह है कि मोबाइल जैसे महत्वपूर्ण उपकरण को और भी कई ऐसी बातों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा जिससे समाज में विकृति फैल रही है।

आस्था के मामले में लोग एक-दूसरे को भ्रमित कर रहे हैं। धार्मिक संदेशों का यह फलसफा कुछ देर के लिए तो खुशियाँ देने वाला होता है। इस पर विचार किया जाए तो निश्चित ही भेजने वाले को इसकी अहमियत समझ आ जाएगी।

पेशे से इंजीनियर रवि ने अपनी बुआ (शिक्षिका) को एसएमएस किया। करीब दस लोगों को भेजे गए एसएमएस में संदेश के साथ लिखा था कि आप भी कम से कम दस लोगों को यह एसएमएस भेजें अन्यथा अनिष्ट हो जाएगा। ऐसा करने वालों में सिर्फ रवि ही नहीं बल्कि काफी लोग हैं जो इस अंधविश्वास में फँसकर खुद का समय और पैसा तो बर्बाद करते हैं साथ ही दूसरों को भी भ्रमित कर देते हैं।

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'जय माँ शेरावाली' यह संदेश वैष्णोदेवी जम्मू से चलकर आया है। इसे नौ लोगों को भेजो तो 48 घंटे के अंदर तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी। लेकिन इस श्रृंखला को तोड़ने पर आपके साथ कुछ अनिष्ट भी हो सकता है, इसलिए इसे दस लोगों को भेज देना।

हनुमान के इन छ: नामों को 12 लोगों को भेजो- 'हनुमान, अंजनि पुत्र, पवन पुत्र, रामदूत, बजरंग बली, महाबली,' तो इस शनिवार तक एक अच्छी खबर मिलेगी। श्रद्धा और आस्था से भरे ऐसे मैसेज आजकल हर मोबाइल यूजर के इन बॉक्स में होते हैं।

कई लोग पूरी आस्था के साथ इन्हें दूसरे लोगों तक पहुँचाते भी हैं। इस उम्मीद के साथ कि शायद ऐसा करने से उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाए। उनकी इस आस्था का कोई गलत फायदा उठा रहा है और उनकी इन भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

कभी शिर्डी, कभी रामेश्वरम तो कभी अमरनाथ आदि कई पवित्र स्थलों से भक्तों द्वारा भेजे जाने वाली मुरादों को पूर्ण करने वाले इन मैसेजेस में मनोकामना पूर्ण करने के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से श्रृंखला तोड़ने पर कुछ गलत होने की चेतावनी भी रहती है। जिसके चलते हर कोई कुछ गलत न हो जाए इस डर से यह मैसेज अपने फ्रेण्ड्स या रिश्तेदारों को भेज देते हैं।

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