हजारों वर्ष के बाद 11 इक्कों का अद्भुत संयोग बन रहा है। 11 नवंबर को एक समय ऐसा भी आएगा, जब 12 बार एक पंक्ति में 1 का अंक नजर आएगा। ज्योतिष में एक का विशेष महत्व है, क्योंकि एक अंक के स्वामी सूर्यदेव है जबकि इसके मूलांक का स्वामी चंद्रदेव है।
11 नवंबर 2011, दिन शुक्रवार, कृष्ण पक्ष की प्रथमा तिथि, भरणी एवं कृतिका नक्षत्र के दिन अंकों की दुनिया में शताब्दी का सबसे महत्वपूर्ण संयोग निर्मित हो रहा है। जब 11 तारीख, 11वां महीना के अलवा 11वां वर्ष भी होगा। इस दिन घड़ी की सुई जब 11 बजकर 11 मिनट और 11 सेकंड पर होगी। तब तारिख व समय के अंकों से बारह इक्कों का निर्माण होगा।
पं. दीपक शर्मा के अनुसार धर्म, आध्यात्म एवं ज्योतिष जगत में 11 नंबर का विशेष महत्व है। इस अंक में एक अंक का दो बार प्रयोग हुआ है। एक अंक का स्वामी सूर्यदेव है और जिसे ग्रहों का राजा माना गया है। अंक 11 का मूलांक दो है और अंक दो का स्वामी चंद्रदेव है। इस प्रकार अंक 11 को सूर्य और चंद्रदेव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त है।
अंक 11 के आधार पर तिथियों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है और संपूर्ण तिथियों में एकादशी तिथि को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
यदि 11 नवंबर 2011 को जोड़कर मूलांक निकाला जाए तो 6 आता है। इस अंक के स्वामी शुक्रदेव है और इस दिन शुक्रवार भी है। शुक्रदेव को सांसारिक सुखों, वैभव और ऐश्वर्य का कारक माना गया गया है।
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इसी तरह यदि 11 नवंबर की तारीख और समय का मूलांक जोड़ा जाए तो मूलांक 3 आता है, इस अंक के स्वामी देवगुरु बृहस्पति है। बृहस्पति को धार्मिक एवं आध्यात्मिक उन्नति का कारक माना जाता है। इस तारीख को सूर्यदेव एवं चंद्रदेव के साथ-साथ बृहस्पति और शुक्र की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इस शताब्दी का यह एकमात्र दिन होगा जब 12 अंकों का संयोग निर्मित होगा। शर्मा के अनुसार इससे पूर्व भी अंकों का एक क्रम 9 अक्टूबर 2011 को भी निर्मित हुआ था जब 9, 10 और 11 के अंक एक क्रम में आए थे, परंतु अंकों की समानता का यह रोमांचकारी संयोग हजारों वर्ष में एक बार ही निर्मित हो रहा है। लिहाजा एक अंक का यह समुच्चय इस तारीख एवं तिथि के लिए कई हजार गुना खुशियां लेकर आने वाला है।