16 अप्रैल से फिर विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू हो गए हैं। परेशानी की बात यह है कि अप्रैल में जिस दिन विवाह का अंतिम मुहूर्त है, उससे दो दिन बाद राजधानी में लोकसभा का मतदान होगा। विवाह वाले दिन से वाहनों का अधिग्रहण शुरू हो जाएगा। इसके चलते बारात लाने-ले जाने की समस्या से लोगों को जूझना पड़ेगा।
अप्रैल में जहां पांच शुभ मुहूर्त में फेरे होंगे वहीं मई में सबसे ज्यादा 12 मुहूर्त हैं। मई में ही महामुहूर्त अक्षय तृतीया भी आ रही है, महामुहूर्त में सैकड़ों शादियां होंगी। जून में जहां 10 मुहूर्त हैं, वहीं जुलाई में मात्र तीन मुहूर्त हैं और 8 जुलाई से देवशयनी एकादशी के बाद फिर पांच महीने तक मुहूर्त नहीं है। दिसंबर में भी सिर्फ तीन मुहूर्त हैं।
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देव पंचांग के अनुसार मुहूर्त
माह कुल दिन तारीख
अप्रैल 5 दिन 16, 18, 20, 21 और 22
मई 12 दिन 1, 2, 4, 10, 11, 15, 17, 19, 24, 25, 29 व 30