मेष लग्न : मकर राशि पर साढ़ेसाती-10

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मेष लग्न वालों को मकर की लगती साढ़ेसाती शनि के धनु में आने से शुरू होगी। यहाँ पर शनि दशमेश व एकादशेश होकर नवम में द्वादश होगा। इस कारण राज्य, व्यापार, नौकरी, पिता आदि के मामलों में कहीं न कहीं क्षति का कारण बनता है। वैसे आय के मामलों में कुछ लाभदायक अवश्य रहता है।

पराक्रम, भाई, मित्र आदि से सहायक भी रहेगा वही शत्रु पक्ष को हावी नहीं होने देगा। नाना-मामा से भी लाभदायक स्थिति रहेगी। शनि की दूसरी साढ़ेसाती मकर के शनि पर होगी जो नौकरी, राज्य, व्यापार आदि के क्षेत्र में लाभदायक रहेगी। बाहरी मामलों में सावधानी रखकर चलना होगा, यात्राओं में सावधानी रखकर चलें। माता के स्वास्थ्य की चिन्ता दूर होगी, जनता से सबंधित कार्य बनेंगे। अपने जीवन साथी से सहयोग भी रहेगा। दैनिक व्यापार-व्यवसाय में प्रगति रहेगी।

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अपने जीवनसाथी के नाम से किए गए व्यवसाय में उन्नति रहेगी। शनि की अन्तिम साढ़ेसाती एकादश आय भाव पर होने के कारण आर्थिक मामलों में उत्तम रहेगी वही अकस्मात धन का लाभ मिलना चाहिए। यहाँ से शनि की नीच यानी तृतीय दृष्टि पड़ने से स्वयं के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। मन में चिड़चिड़ापन, उदासी रह सकती है।

विद्यार्थी वर्ग को काफी सावधानी से चलना होगा। सन्तान की चिन्ता रहेगी। अगर स्त्री गर्भवती हैं तो काफी सावधानी रखना होगी। चोट आदि लगने का खतरा रहेगा, वाहनादि सावधानी से चलाएँ। शनि का अशुभ परिणाम मिलने पर एक काँसे की कटोरी में सरसों का तेल भर कर अपना मुँह देख कर किसी को दे दें। एक सुरमे की शीशी लेकर शनिवार की शाम को अपने ऊपर से नौ बार सिर से लेकर पाँव तक उतार कर कहीं सुनसान जगह गाड़ देवे। इस दौरान शनि-दर्शन से बचें।

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