भगवान श्रीगणेश के अत्यंत प्रसिद्ध सोलह नाम

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धार्मिक मान्यतानुसार हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। सभी देवताओं में इनकी पूजा-अर्चना सर्वप्रथम की जाती है। श्री गणेश जी विघ्न विनायक हैं। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था।

श्री गणेश शिव और पार्वती के दूसरे पुत्र हैं। भगवान गणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहारी एवं मंगलदायक है। वे एकदन्त और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं।

वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। वे रक्त चन्दन धारण करते हैं तथा उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। वे अपने उपासकों पर शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। वे प्रथक पूज्य, गणों के ईश, स्वस्तिक रूप तथा प्रणव स्वरूप हैं।
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भगवान श्री गणेश के सोलह नाम अत्यंत प्रसिद्ध हैं। इन नामों का पाठ अथवा श्रवण करने से विद्यारम्भ, विवाह, गृह-नगरों में प्रवेश तथा गृह-नगर से यात्रा में कोई विघ्न नहीं होता है।

1. सुमुख
2. एकदंत
3. कपिल
4. गजकर्णक
5. लंबोदर
6. विकट
7. विघ्ननाशक
8. विनायक
9. धूम्रकेतु
10. गणाध्यक्ष
11. भालचन्द्र
12. विघ्नराज
13. द्वैमातुर
14. गणाधिप
15. हेरम्ब
16. गजानन

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