मिथुन राशि फलादेश

(राशि के आद्याक्षर - क, का, की, कू, के, को, कौ, छ, ह, हा, छा)

आपकी जन्मकुंडली में तीन अंक के साथ चंद्रमा लिखा होने से ही आपकी जन्मराशि मिथुन मानी जाती है। राशि-चक्र में इस राशि का तृतीय स्थान निश्चित है।

आपकी राशि का स्वामी या मालिक ग्रह बुध होता है। तात्पर्य यह है कि आप बुध ग्रह के प्रभाव में हैं। यह राशि काफी चंचल होती है। जब तक कोई कार्य उनके मन के अनुसार नहीं हो पाता है, तब तक उसी की रट लगाए रहते हैं।

यह यह राशि बुद्धिमान मानी जाती है, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह ो बुद्धि का कारक माना गया है, इसीलिए बुद्धि तथा कल्पनाओं के क्षेत्र में इस राशि वाले व्यक्तियों की प्रधानता देखी जाती है।

जन्मकुंडली में चंद्रमा के साथ शनि, राहु या मंगल में से कोई भी एक बैठा हो तो इनके पास कभी पैसा नहीं टिकेगा। मिथुन राशि के बारहवें घर में वृष है। वृष का शुक्र तथा मिथुन का बुध मिलकर मिथुन राशि वालों को सौंदर्य प्रशंसक तथा कलाप्रिय बनाते हैं। विचारों, अनुभवों, मनःस्थितियों तथा दूसरों के इशारों के इरादों के प्रति संवेदनशील रहते हैं। मिथुन राशि वाले यदि सक्रिय, सावधान रहें और जल्दबाजी से काम न लें, तो वे अपने जीवन में बहुत कुछ उन्नति कर सकते हैं।

वेबदुनिया पर पढ़ें